अभाविप का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, शिक्षा एवं समाज संबंधी पांच प्रस्ताव पारित

अभाविप का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, शिक्षा एवं समाज संबंधी पांच प्रस्ताव पारित

अभाविप का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, शिक्षा एवं समाज संबंधी पांच प्रस्ताव पारितअभाविप का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, शिक्षा एवं समाज संबंधी पांच प्रस्ताव पारित

जयपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार, 27 नवम्बर 2022 को महाराणा प्रताप नगर (जेईसीआरसी विश्वविद्यालय, जयपुर) में संपन्न हुआ। अधिवेशन में देश के सभी प्रांतों से कुल 1485 प्रतिनिधि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। जिनमें 986 छात्र, 344 छात्रा कार्यकर्ता तथा 129 प्राध्यापक कार्यकर्ता एवं 4 अन्य कार्यकर्ता रहे। इसके अलावा मित्र देश नेपाल से भी 22 अतिथि प्रतिभागी सम्मिलित हुए। देश के सुदूर पूर्वोत्तर राज्यों, मणिपुर, नागालैंड तथा मिजोरम आदि से लेकर अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख से भी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

अधिवेशन के प्रथम दिन (25 नवम्बर 2022) उद्घाटन सत्र में योग गुरु स्वामी रामदेव जी मुख्य अतिथि रहे। दूसरे दिन (26 नवम्बर, 2022) को जयपुर शहर में ‘लघु भारत’ दर्शन हुए, जिसमें सभी प्रांतों से आए कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक वेशभूषा में विशाल शोभा यात्रा निकाली। जयपुर के नागरिकों ने जगह – जगह पर शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। प्रसिद्ध अल्बर्ट हॉल पर खुला अधिवेशन हुआ, जिसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही की उपस्थिति में राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल एवं अन्य छात्र नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अंतिम दिन प्रतिष्ठित प्रा. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित रहे। इस वर्ष यह पुरस्कार बुलढाना, महाराष्ट्र के युवा समाज सेवी नन्द कुमार पालवे को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार निराश्रितों और मानसिक रूप से दिव्यांगों को पोषण, स्वास्थ्य एवं स्नेह देकर उनका सम्मानजनक पुनर्वास करने के उनके सराहनीय कार्य के लिए दिया गया है। पुरस्कार में प्रोत्साहन राशि के रूप में 1 लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।

अधिवेशन में अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने ‘स्वावलंबी भारत में युवाओं की भूमिका’ तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद ने ‘वैचारिक विमर्श स्थापित करने में अभाविप की भूमिका’ विषय पर मार्गदर्शन किया। अधिवेशन के मुख्य आकर्षण में अपने गौरवशाली इतिहास का याद दिलाती हमारे पूर्वजों की मूर्तियां रहीं। परिसर में महाराणा प्रताप, स्वामी विवेकानंद, बलिदानी भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव तथा श्री गोविंद गुरु आदि की विशाल, भव्य एवं सुंदर मूर्तियां लगाई गई थीं। रानी पद्मिनी की प्रेरक प्रतिमा मिट्टी से खड़े किए गए दुर्ग पर ध्वज मंडल के समीप लगाई गई, जिसकी सुंदर छवि मोहक रही। विभिन्न स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र रहे। अधिवेशन से पूर्व रानी पद्मावती महान शौर्य, साहस, समर्पण एवं बलिदान से सनी चित्तौड़गढ़ किले की मिट्टी भी एकत्र कर लाई गई है। अधिवेशन के अंत में यह मिट्टी सभी प्रांतों के कार्यकर्ता अपने–अपने प्रांतों में लेकर गये।

अधिवेशन में कार्यकर्ताओं ने हुनरबाज मंच के माध्यम से प्रतिभा प्रदर्शन कर विभिन्न प्रस्तुतियां भी दीं। रंगारंग कार्यक्रमों में भारत के विभिन्न प्रांतों की मनमोहक परंपराओं का चित्रण सजीव हो उठा। अधिवेशन के अंतिम दिन परिषद की नवीन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हुई।

अधिवेशन में शिक्षा, समाज एवं अंतरिक सुरक्षा से संबंधित पांच महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किए गए, जो क्रमश: इस प्रकार हैं –

  1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु केंद्र एवं राज्य सरकारें विशेष निधि का आवंटन करें
  2. भारतीय ज्ञान परंपरा युक्त एवं भारतीय भाषा में शिक्षा हों
  3. प्रवेश, परीक्षा और परिणाम में अनियमितताएं शीघ्र दूर हों
  4. आंतरिक सुरक्षा हेतु कट्टरपंथी संगठन पीएफआई का प्रतिकार आवश्यक
  5. वैश्विक पटल पर भारत की भूमिका महत्वपूर्ण

अभाविप कार्यकर्ता अपने अपने प्रांतों में वापस लौटकर वर्ष भर इन पारित प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर कार्य करेंगे। साथ ही आगे आने वाले माह में अभाविप द्वारा देश भर में स्वावलंबी भारत अभियान के निमित्त सभी प्रांतों में प्रांत स्तरीय स्वावलंबी भारत अभियान की समिति बनाकर परिसरों में उद्यमिता प्रोत्साहन हेतु कार्यक्रम, परिसरों में उद्यमिता सेल बनाने, अभाविप के अमृत महोत्सव के संदर्भ में परिषदीय रचना के सभी जिलों में वर्ष 2023 के जनवरी माह में जिला सम्मेलन, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर) को मनाए जाने वाले सामाजिक समरसता दिवस के कार्यक्रमों की विशेष योजना तथा भारत को G20 की अध्यक्षता मिलने के संदर्भ में परिसरों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का संपादन करेंगे।

अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक 26, 27, 28 मई 2023 को पुणे में तथा 2023 में अभाविप का 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन अक्तूबर अथवा नवंबर माह में दिल्ली में सम्पन्न होगा।

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