‘आत्मनिर्भरता’ चुना गया ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर

‘आत्मनिर्भरता’ चुना गया ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर

‘आत्मनिर्भरता’ चुना गया ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर

ऑक्सफोर्ड ने इस बार हिन्दी के शब्द आत्मनिर्भरता को ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर चुना है। ऑक्सफोर्ड प्रति वर्ष एक ऐसे शब्द की घोषणा करता है जो पिछले वर्ष महत्वपूर्ण रहा हो। प्रधानमंत्री लम्बे समय से देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि आत्मनिर्भरता का तात्पर्य यह नहीं है कि हम स्व-केंद्रित हो जाएं अथवा दुनिया से तटस्थ हो जाएं, बल्कि यह स्वयं को दक्ष बनाने के बारे में है। हम ऐसी नीतियां बनाएंगे जो दक्षता, परस्पर सहयोग और लचीलेपन को प्रोत्साहित करती हों। कोरोनाकाल में भी प्रधानमंत्री ने कई बार आत्मनिर्भरता की बात कही। स्वदेशी कोविड वैक्सीन विकसित हो पाना इसी का परिणाम है। प्रधानमंत्री के अपने संबोधनों में बार बार इस शब्द के प्रयोग किए जाने के बाद से ही आत्मनिर्भरता शब्द का प्रयोग तेजी से बढ़ने लगा। इससे शब्द का न सिर्फ सांस्कृतिक महत्व बढ़ा बल्कि वह भारतीयों की भावनाओं का हिस्सा भी बना। इसी कारण ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज ने ‘आत्मनिर्भरता’ को वर्ष 2020 का वर्ड ऑफ द ईयर घाषित किया।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक शिवरामकृष्णन वेंकटेश्वरन ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ को कई क्षेत्रों के लोगों के बीच पहचान मिली क्योंकि इसे कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था से निपटने के एक हथियार के रूप में भी देखा गया।

वहीं पैनल की सदस्य कृतिका अग्रवाल ने कहा कि ‘आत्मनिर्भरता’ को इसलिए चुना गया क्योंकि यह महामारी से जूझ रहे भारतीय लोगों के दैनिक जीवन की उपलब्धियों को दर्शाता है।

इससे पहले 2017 में आधार, 2018 में नारी शक्ति और 2019 में संविधान शब्द को उस वर्ष के प्रमुख शब्द के रूप में ऑक्सफोर्ड की ओर से मान्यता मिली थी।

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