सेना ने उरी में आयोजित किया सांस्कृतिक उत्सव जश्न ए रुस्तम
सेना ने उरी में आयोजित किया सांस्कृतिक उत्सव जश्न ए रुस्तम
एकता और कृतज्ञता के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, डैगर डिवीजन के पीर पंजाल ब्रिगेड के तत्वावधान में सेना ने रविवार (27 अगस्त) को नियंत्रण रेखा (LOC) के पास उरी में अपने पहले सांस्कृतिक उत्सव “जश्न-ए-रुस्तम” का आयोजन किया।
इस आयोजन के अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्रों की पर्यटन क्षमता और स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्राप्त हुआ। यह उत्सव उस स्थान पर आयोजित किया गया जहां कभी सेना के लिए फायरिंग रेंज हुआ करती थी और सीमा पार से गोलाबारी की जाती थी। यह पहली बार है कि एलओसी के पास इस तरह का उत्सव आयोजित किया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम के बाद ही यह संभव हो पाया है। इस सांस्कृतिक उत्सव “जश्न-ए-रुस्तम” में स्थानीय और गैर स्थानीय दर्शकों सहित लगभग 15000 लोगों की भीड़ देखी गई।
सेना की थीम “say no to drugs” के अंतर्गत लोगों में नशीले पदार्थों से हानि के बारे में जागरूकता पैदा की गई। स्थानीय लोगों के अनुसार अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद से कश्मीर में विभिन्न प्रकार के सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
यह आयोजन सफल रहा क्योंकि कश्मीर के दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए। उत्सव में तारिक परदेसी, मसर्रत नाज़, कोहिनूर बैंड बारामूला, राजा बिलाल, शाही मुमताज, टीम 360 (उरी), सफरी फारूक व बहुमुखी बैंड, ऐजाज़ भट, एजीएस बोनियार जैसे प्रमुख कलाकारों की प्रस्तुतियाँ देखने को मिलीं।
इस अवसर पर कश्मीरी बॉलीवुड अदाकारा “मतीना राजपूत” भी उपस्थित रहीं। भारतीय सेना ने इस सांस्कृतिक उत्सव को स्मरणीय बनाने के लिए वहॉं उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया। यह कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो, श्रीनगर व स्थानीय लोगों के सहयोग से आयोजित किया गया था।