कांस्टेबल परीक्षा : बेहाल युवा, सरकार सात सितारा होटल में, पेपर लीक

कांस्टेबल परीक्षा : बेहाल युवा, सरकार सात सितारा होटल में, पेपर लीक

कांस्टेबल परीक्षा : बेहाल युवा, सरकार सात सितारा होटल में, पेपर लीककांस्टेबल परीक्षा : बेहाल युवा, सरकार सात सितारा होटल में, पेपर लीक

जयपुर। प्रदेश ने पिछले तीन-चार दिन में कुछ ऐसी तस्वीरें देखीं, जिनसे यह पता चल रहा था कि गरीब, युवा, मजदूर और आम आदमी के साथ खड़े रहने का दावा करने वाली  प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दावे कितने खोखले हैं। प्रदेश के उदयपुर शहर में 13 से 15 मई तक एक तरफ सात सितारा होटल में कांग्रेस का चिंतन चल रहा था, जिसमें वातानुकूलित डोम और कमरों में देश के बेरोजगारों, युवाओं और मजदूरों के साथ खड़े रहने की योजनाएं बनाई जा रही थीं…..और उसी दौरान प्रदेश के 18.86 लाख बेरोजगार युवा, कांस्टेबल परीक्षा देने के लिए रोडवेज की बसों और ट्रेनों में घुसने के लिए संघर्ष कर रहे थे। बस स्टेशनों पर खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे थे और कड़ी धूप में परीक्षा केन्द्रों के बाहर खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। नकल रोकने के लिए लागू किए गए मनमाने नियमों के कारण इनके जूते तक खुलवा लिए गए और तपती जमीन पर इन्हें कांस्टेबल की परीक्षा देने से पहले ही धैर्य और संयम की कड़ी परीक्षा देनी पड़ गई। कई महिला अभ्यर्थी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर परीक्षा देने पहुंचीं तो महिला पुलिसकर्मियों ने कैंची से उनके कपड़ों की आस्तीन ही काट डाली। हाथ में बंधा कलावा उतरवा लिया गया। पायल भी नहीं पहनने दी गई।

कांस्टेबल परीक्षा : बेहाल युवा, सरकार सात सितारा होटल में, पेपर लीकआस्तीन पर कैंची चलाती पुलिस

देश की स्वतंत्रता के 75 वर्षों में से 49 साल राज करने वाली कांग्रेस अपनी जड़ें वापस जमाने के लिए उदयपुर के सात सितारा होटल में चिंतन में व्यस्त थी। उसके नेताओं को शायद इससे मतलब ही नहीं कि उनकी अपनी नीतियों के कारण देश में जो जनसंख्या बढ़ी है, और बढ़ी हुई जनसंख्या ने बेरोजगारी की एक जो बीमारी देश को दी है, जिसके कारण एक एक पोस्ट पर 400 लोगों के आवेदन आते हैं, उन्हें सम्भालने की सुध ली जाए। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में साढ़े चार हजार पदों के लिए 18.50 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था। इस परीक्षा के लिए सरकार ने सुरक्षा के साथ ही सभी प्रकार की व्यवस्थाओं का इंतजाम करने का दावा किया था। रोडवेज की बसें फ्री चलाई गईं, लेकिन ये सारे दावे और इंतजाम उन तस्वीरों में बेदम नजर आए, जिनमें हजारों अभ्यर्थी बस के अंदर जगह न मिलने पर, तपती धूप में बस की छतों पर यात्रा करते दिखे, खुले आसमान में सड़कों पर रात बिताते दिखे और और तपती धूप में जूतों तक से वंचित दिखे। मजे की बात यह है कि इस सबके बावजूद पेपर लीक हुआ है और एक परीक्षा निरस्त करनी पड़ी है।

परीक्षार्थियों की परेशानी हर उस जगह दिख रही थी, जहां परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। अजमेर में बस स्टैंड पर बसों की व्यवस्था से परेशान शाहपुरा के एक युवक आशीष लाम्बा का कहना था कि एक नम्बर की घटिया व्यवस्था है। इससे तो बेहतर था कि हम पैसे खर्च कर के आते तो कम से कम परेशान तो नहीं होते। वहीं दीपेन्द्र चौधरी डेढ़ घंटे से तपती धूप में हाल-बेहाल हो कर बस का इंतजार करते दिखे।

यह हाल सभी स्थानों का था। बस स्टेशनों पर खुले में रात बिताते अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार ने परीक्षा केन्द्र इतनी दूर दे दिए हैं कि हमारे पास ऐसे यहॉं आसमान के नीचे रात बिताने के सिवा कोई चारा ही नहीं है। बसें आसानी से मिल नहीं रही हैं और जो मिल रही हैं, उनमें पैर रखने की जगह नहीं है। अपने पिता के साथ जयपुर में परीक्षा देने आई श्वेता सिंह ने बताया कि बस सुबह मिलेगी, इसलिए रात यहीं बस स्टेशन पर गुजार रहे हैं ताकि बस आते ही रवाना हो सकें।

47 डिग्री तापमान में प्रदेश भर के शहरों में परीक्षा के लिए भटकते इन परीक्षार्थियों के सामने अपनी मुश्किलों को स्वयं  हल करने के अलावा कोई चारा नहीं था। पर शायद शासन-प्रशासन को इससे मतलब ही नहीं था। परीक्षाओं की पीड़ा पर नमक डालने का काम उन तस्वीरों ने किया, जिनमें चिंतन शिविर की तीन दिन की थकान मिटाने के लिए कांग्रेस पार्टी के दोनों ‘युवा’ नेता लैपर्ड सफारी का आनंद लेते नजर आए।

कैसे और कब हुआ पेपर लीक
झोटवाड़ा में बने परीक्षा केंद्र दिवाकर पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से पर्चा लीक हुआ माना जा रहा है। दोपहर तीन बजे शुरू होने वाली परीक्षा का पेपर सुबह 11 बजे ही केंद्रों पर पहुंचा दिया जाता है। परीक्षा केन्द्र पर स्ट्रांग रूम के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच से सामने आया है कि 14 मई को सुबह 11.46 से दोपहर 12.13 बजे तक कैमरा बंद था। 11.46 से केंद्र का वीक्षक मोहन भी गायब था। अन्य कैमरे में मोहन स्ट्रांग रूम के पीछे जाता नजर आ रहा है। दोपहर 12.13 बजे जब कैमरे चालू हुए तो मोहन सीढ़ियां चढ़ते हुए नजर आया। स्ट्रांग रूम में पेपर के बक्सों को रखने का क्रम भी गड़बड़ मिला। परीक्षा केंद्र की अधीक्षक शालू शर्मा, सहायक अधीक्षक मुकेश कुमार शर्मा, परीक्षा करवाने वाली टीसीएस कंपनी के प्रतिनिधि राकेश व विक्रम और एएसआई रतनलाल को हिरासत में लिया गया है। वीक्षक मोहन की तलाश की जा रही है।

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