16 मई को जयपुर में बड़ी संख्या में जुटेंगे किसान, करेंगे सचिवालय का घेराव

16 मई को जयपुर में बड़ी संख्या में जुटेंगे किसान, करेंगे सचिवालय का घेराव

16 मई को जयपुर में बड़ी संख्या में जुटेंगे किसान, करेंगे सचिवालय का घेराव16 मई को जयपुर में बड़ी संख्या में जुटेंगे किसान, करेंगे सचिवालय का घेराव

  • 16 मई को राजधानी में किसान आंदोलन, प्रदेश के सभी जिलों से आयेंगे किसान
  • सिंचाई, बिजली, फसल बीमा, खरीद सहित विभिन्न मांगों को लेकर करेंगे सचिवालय का घेराव

जयपुर, 14 मई। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में प्रदेश के किसान 16 मई को विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांगों को लेकर सचिवालय का घेराव करेंगे। भारतीय किसान संघ की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में बताया गया कि प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं का अपेक्षित विस्तार नहीं होने, सिंचाई हेतु विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी, ओवरलोड विद्युत तंत्र, कृषि कनेक्शनों की बढ़ती प्रतीक्षा अवधि, फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही से किसान परेशान हैं। अपनी मांगें मनवाने के लिए अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है।

संगठन के आंदोलन संयोजक तुलछाराम सिंवर ने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने व प्रदेश में कृषि विकास दर बढ़ाने हेतु आवश्यक है कि किसानों को सस्ता व टैक्स मुक्त कृषि आदान मिले, हर खेत को सिंचाई हेतु नहर का पानी मिले, सिंचाई के लिए सभी किसानों को पर्याप्त, निर्बाध, गुणवत्तायुक्त, निशुल्क बिजली मिले, फसलों में नुकसान की क्षतिपूर्ति मिले, पैदावार का लाभकारी मूल्य मिले। इन प्रमुख बिंदुओं से संबंधित मांगों को लेकर ही किसान आंदोलन कर रहे हैं।

सिंवर ने कहा कि किसानों द्वारा पिछले लंबे समय से भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु अनेक बार, विभिन्न स्तरों पर, ज्ञापन, धरने व प्रदर्शन किए गए। इसके बावजूद सरकार का उदासीन रवैया बरकरार रहा। संगठन की ओर से बजट सत्र से पूर्व प्रदेश स्तर पर 11 जनवरी को 300 से अधिक तहसील मुख्यालयों व 17 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर सांकेतिक प्रदर्शन कर सक्षम अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए। इस पर भी सरकार द्वारा उक्त समस्याओं का समाधान नहीं होने पर किसानों ने मजबूर होकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में 16 मई 2023 को जयपुर में सचिवालय घेराव कर विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु किसान आंदोलन का निर्णय किया है। आंदोलन की घोषणा के साथ ही प्रदेशभर में सभी जिलों के संगठन कार्यकर्ता पिछले एक माह से किसानों से संपर्क, ग्राम सभाएं आयोजित करने सहित विभिन्न प्रकार से आंदोलन की तैयारियों में जुटे हैं। इस आन्दोलन में प्रदेश के सभी जिलों से किसान 15 मई को जयपुर के शहीद स्मारक पहुचेंगे और वहां से रैली के रूप में रवाना होकर सचिवालय का घेराव करेंगे।

संगठन के प्रदेश आंदोलन सह संयोजक जगदीश कलमंडा ने कहा कि हमारी मांगों में हर खेत को सिंचाई हेतु नहर का पानी देने की मांग प्रमुख है, इसके समाधान हेतु सरकार संपूर्ण वर्षा जल संग्रहण की योजना बनाए। प्रदेश को आवंटित सम्पूर्ण जल उपलब्ध करवाकर वर्तमान नहरी परियोजनाओं का विस्तार करे। सरकार प्रत्येक घर में शौचालय की तर्ज पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर बरसात के सम्पूर्ण जल को संग्रहित कर, भूजल रिचार्ज में उपयोग करने सहित पीने व सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करवाने की समुचित व्यवस्था कर  सकती है। सरकार प्रस्तावित व लंबित सिंचाई परियोजनाओं में 1966 में बनी माही बजाज नहर परियोजना, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को प्राथमिकता से पूरा करे।

जयपुर प्रांत महामंत्री सांवरमल सोलेट ने कहा कि किसानों की मांग है कि उन्हें सिंचाई सुविधा के साथ फसल बीमा योजना का समुचित लाभ मिले, फसल के नुकसान का वास्तविक बीमा क्लेम तय हो, ऐसा करने में अड़चन बने गलत गारंटी उपज के आंकड़ों को सुधार जाए, फसल कटाई प्रयोगों का संधारण सही तरीके से हो, समर्थन मूल्य व बाजार हस्तक्षेप नीति के अंतर्गत फसलों की खरीद सुनिश्चित कर किसानों को उत्पादन लागत से नीचे फसल बेचने से होने वाले नुकसान से बचाने के उपाय हों।

प्रदेश उपाध्यक्ष छोगालाल सैनी ने कहा कि फसलों की पैदावार की लागत लगातार बढ़ रही है। इसके लिए कृषि आदानों पर लग रहे 5 से 28 प्रतिशत तक का टैक्स जिम्मेदार है। वहीं देश के सभी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक महंगा डीजल हमारे गंगानगर में है। केवल ट्रांसपोर्ट खर्च के कारण प्रदेश के अन्य जिलों से भी 3 रुपए लीटर महंगा डीजल है। ऐसे में हमारी मांग है कि राज्य सरकार GST काउंसिल में कृषि आदानों से GST समाप्त करने का प्रस्ताव भेजे, ब्याज मुक्त फसली ऋण सभी किसानों को मिले, इस ऋण पर लगने वाली प्रोसेसिंग फीस, इंस्पेक्शन चार्ज समाप्त किए जाएं। सरकार अपने वादे अनुसार एक बारगी सभी किसानों का संपूर्ण ऋण माफ करे।

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