नसरुल्लागंज में मस्जिद से तीन बार घोषणा हुई कोविड वैक्सीन न लगवाएं

नसरुल्लागंज में मस्जिद से तीन बार घोषणा हुई कोविड वैक्सीन न लगवाएं

नसरुल्लागंज में मस्जिद से तीन बार घोषणा हुई कोविड वैक्सीन न लगवाएं

कोरोना की दूसरी लहर के कहर से सभी परिचित हैं, तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। अधिक से अधिक लोग टीकाकरण करवाएं इसके लिए कई प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। अनेक केंद्रों पर वैक्सीन मुफ्त लग रही है। टीकाकरण शिविर लगाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर देश के नागरिक सुरक्षित रहें इसके लिए भारत सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आम जनता को भड़काने और गुमराह करने से बाज नहीं आ रहे।

ताजा मामला मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के नसरुल्लागंज का है। 23 जून को वहॉं के लोग उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब एक मस्जिद से एक नहीं बल्कि तीन बार कोविड वैक्सीन न लगवाने की घोषणा हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि उस दिन भारत सरकार के टीकाकरण अभियान के अंतर्गत वहां के एक उर्दू मीडियम स्कूल में कैम्प लगाया गया था।  तभी अचानक मस्जिद से कोविड वैक्सीन न लगवाने की अपील की जाने लगी। घोषणा सुनते ही मुस्लिम बहुल मोहल्ले में अफरा तफरी मच गई।

घटना की जानकारी मिलने पर सेवा भारती ने एसडीएम को पत्र लिखकर इस घटना पर विरोध जताया है। पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन महोत्सव के रूप में किया जा रहा है। इसी कड़ी में नगर में 23 जून 2021 को उर्दू मीडियम स्कूल मुस्लिम बहुल मोहल्ले में टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा था, किन्तु मस्जिद से लाउडस्पीकर के माध्यम से वैक्सीन न लगवाने की मुनादी की गई जो कोरोना महामारी को प्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देने का आपराधिक कृत्य है।

पत्र में आगे लिखा है कि सेवा भारती सोशल मीडिया के साथ ही घर घर जाकर भी लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रही है। इस तरह की मुनादी हमारे हौंसले पर आघात करते हुए हमें विचलित करती है। पत्र में संगठन ने इस संबंध में कठोर कार्रवाई की मांग भी की है ताकि आगे ऐसी घटनाएँ न हों।

नसरुल्लागंज में मस्जिद से तीन बार घोषणा हुई कोविड वैक्सीन न लगवाएं

इससे पहले भी मस्जिदों से सरकार की पॉलिसीज के विरुद्ध मस्जिदों में एकत्रित होने और सामूहिक नमाज पढ़ने जैसी घोषणाएं होती रही हैं। जांच के लिए गए चिकित्साकर्मियों और लॉकडाउन का पालन करवाने गए सुरक्षाकर्मियों पर हमले तक हुए।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *