नई शिक्षा नीति बेहतर भारत की संकल्पना को साकार करेगी- शर्मा

नई शिक्षा नीति बेहतर भारत की संकल्पना को साकार करेगी- शर्मा

नई शिक्षा नीति बेहतर भारत की संकल्पना को साकार करेगी- शर्मानई शिक्षा नीति बेहतर भारत की संकल्पना को साकार करेगी- शर्मा

  • बाराँ : राष्ट्रीय शिक्षा नीति आधारित संकुल स्तरीय कार्यशाला संपन्न

बारां। विद्या भारती शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषय पर संकुल स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्वामी विवेकानंद विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय के सभागार में रविवार को पांच सत्रों में आयोजित हुआ। जिसमें संकुल के 65 आचार्यों ने भाग लिया। विद्यालय के संस्था प्रधान संकुल प्रमुख दीनदयाल नागर ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि दक्ष प्रशिक्षक शिक्षक सत्यनारायण शर्मा रहे। अध्यक्षता विद्या भारती के जिला सचिव राजेंद्र कुमार शर्मा ने की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सत्यनारायण शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने पर समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग का सर्वांगीण विकास होगा। नई शिक्षा नीति बेहतर भारत की संकल्पना को साकार करने वाली नीति बनेगी। इसके माध्यम से छात्रों का समग्र विकास होगा तथा छात्र तनाव मुक्त वातावरण में बुनियादी शिक्षा प्राप्त करेंगे। छात्रों को सुरक्षित एवं प्रेरणादायी वातावरण पढ़ने के लिए प्राप्त होगा।

जिला सचिव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसे भारतीय परंपरा व संस्कृति मूल्यों के आधार तैयार किया है। उन्होंने शिक्षा नीति के मॉड्यूल्स, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन, स्पेशल एजुकेशन जोन, इंफॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की जानकारी देते हुए बताया कि अगले शिक्षण सत्र से शिशु कक्षाओं में शिक्षा नीति के आधार पर कक्षाओं का संचालन होगा।

कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में प्रधानाचार्य कृष्ण कन्हैया पांचाल, सत्यनारायण पांचाल, घनश्याम वर्मा ने अनुभवजन्य शिक्षण, आनंददायक शिक्षण, क्रिया आधारित शिक्षण, परंपरागत खेल, भारतीय शिक्षा दर्शन आदि विषयों की जानकारी दी।

कार्यक्रम के समापन सत्र में नेप आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ देव चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व वंदना के साथ किया गया तथा समापन आभार एवं शांति मंत्र के साथ हुआ।

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