आज की सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण और जलवायु का संतुलन
आज की सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण और जलवायु का संतुलन
उदयपुर, 15 मार्च। एक पेड़ देश के नाम राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत पर्यावरण का संरक्षण एवं अपने परिवार में पॉलिथीन से ईको ब्रिक्स कैसे बनाएं पर बेदला स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उदयपुर विभाग के पर्यावरण सहसंयोजक गणपत लौहार ने बताया कि पर्यावरण बचाने के लिए पौधारोपण अति आवश्यक है। आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण और जलवायु को संतुलित बनाए रखना है। हमें वृक्षारोपण पर ध्यान देना होगा। प्रत्येक परिवार अपने घर में बीजारोपण से पौधारोपण करे और पौधारोपण से वृक्षारोपण, अर्थात घर-घर नर्सरी होनी चाहिए। उन्होंने सभी से एक पेड़ देश के नाम अभियान में सपरिवार जुड़ने का आग्रह किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता ओर समाजसेवी खूबी लाल सिंघवी ने प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के प्रयोग से सीसा, कैडमियम और पारा आदि रसायन सीधे मानव शरीर के संपर्क में आते हैं। ये जहरीले पदार्थ कैंसर, जन्मजात विकलांगता, इम्यून सिस्टम और बचपन में बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एम्सटर्डम ने अपनी रिसर्च में पाया है कि 80% लोगों के खून में प्लास्टिक के कण मौजूद हैं। इससे हृदयाघात और किडनी फेल होने का खतरा है। अत: प्लास्टिक का उपयोग कम करने पर ध्यान दें, घर से समान खरीदने जाते हैं तो शॉपिंग बैग साथ लेकर जाएं। प्लास्टिक पर रोकथाम ना सिर्फ आज की पीढ़ी के लिए उपयोगी है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इसका बहिष्कार आवश्यक है।
उन्होंने अंत में सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को ऐसा प्लास्टिक जो पुनः काम में नहीं आ सकता, का उपयोग नहीं करने एवं घर में उपयोग में लायी गयी पॉलिथीन घर में ही उपयोग करने का संकल्प दिलाया।