NCERT पढ़ा रही मुगलों ने कराई युद्ध में टूटे मंदिरों की मरम्मत, सबूत मांगने पर कहा नहीं है

वह स्रोत बताएं जहॉं से आपको यह जानकारी मिली कि युद्ध में ढहाए मन्दिरों की मरम्मत औरंगजेब और शाहजहॉं ने करवाई थी

NCERT पढ़ा रही मुगलों ने कराई युद्ध में टूटे मंदिरों की मरम्मत, सबूत मांगने पर कहा नहीं है

भारत में स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले विषयों विशेषकर इतिहास और उसके लेखकों के वामपंथी रुझानों पर जब तब प्रश्न उठते रहे हैं। उन्होंने अनेक बार उन तथ्यों को स्थापित करने के प्रयास किए हैं जिनके कोई प्रमाण नहीं। पिछले दिनों एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। NCERT की कक्षा 12 की इतिहास की पुस्तक थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 के पेज नंबर 234 के दूसरे पैरा में पढ़ाया जा रहा है कि युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था, बाद में शाहजहां और औरंगजेब ने मंदिरों की मरम्मत कराई। इस पर शिवांक वर्मा ने पत्र लिखकर RTI के माध्यम से NCERT से पूछा – कृपया वह स्रोत बताएं जहॉं से आपको यह जानकारी मिली कि युद्ध में ढहाए मन्दिरों की मरम्मत औरंगजेब और शाहजहॉं ने करवाई थी, साथ ही यह भी बताएं कि औरंगजेब और शाहजहां ने कितने मंदिरों की मरम्मत कराई थी?

वह स्रोत बताएं जहॉं से आपको यह जानकारी मिली कि युद्ध में ढहाए मन्दिरों की मरम्मत औरंगजेब और शाहजहॉं ने करवाई थी

वर्तमान में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर के छात्र शिवांक बताते हैं कि इस पर 18 नवंबर 2020 को एनसीईआरटी ने उनके दोनों प्रश्नों का उत्तर देते हए एक पत्र जारी किया जिसमें लिखा था कि आपकी ओर से मांगी गई जानकारी सूचना फाइलों में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में 12वीं कक्षा में पढ़ते समय इन दावों को लेकर मेरे मन में सवाल उठे थे और इसलिए मैंने आरटीआई दायर करके NCERT से इस बारे में पूछा था।

मुगलों ने मंदिरों की मरम्मत कराई के सवाल पर NCERT का उत्तर

इसके अलावा दिसम्बर 2020 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा सात के विद्यार्थियों को तथ्यों से इतर महाभारत पढ़ाए जाने का मामला भी सामने आया था। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की इतिहासकार चक्रवर्ती राजगोपालाचारी द्वारा लिखित पुस्तक बाल महाभारत कथा में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था कि जरासंध ने भगवान श्रीकृष्ण को युद्ध में हरा दिया था। इस कारण श्रीकृष्ण को द्वारका जाना पड़ा था। पुस्‍तक के पेज नंबर 33 के अध्‍याय 14 में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि इस यज्ञ में सबसे बड़ा बाधक मगध देश का राजा जरासंध है। जरासंध को हराए बिना यह यज्ञ कर पाना संभव नहीं है। हम तीन बरस तक उसकी सेनाओं से लड़ते रहे और हार गए। हमें मथुरा छोड़कर दूर पश्चिम द्वारका में जाकर नगर और दुर्ग बनाकर रहना पड़ा।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा सात के विद्यार्थियों को तथ्यों से इतर महाभारत पढ़ाए जाने का मामला सामने आया

जबकि मूल महाभारत में कहीं भी भगवान श्रीकृष्ण के जरासंध से हारने का उल्लेख नहीं है।

राजस्थान में भी स्कूली पाठ्यक्रम के माध्यम से वीर सावरकर वीर नहीं थे, महाराणा प्रताप हारे हुए योद्धा थे, अकबर महान था जैसे गलत व अप्रमाणिक तथ्यों को स्थापित करने के प्रयास होते रहे हैं।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *