श्रद्धा और पारदर्शिता का जीवंत उदाहरण है राम जन्मभूमि निधि समर्पण महाभियान

श्रद्धा और पारदर्शिता का जीवंत उदाहरण है राम जन्मभूमि निधि समर्पण महाभियान

श्रद्धा और पारदर्शिता का जीवंत उदाहरण है राम जन्मभूमि निधि समर्पण महाभियान

उदयपुर, 09 फरवरी। श्रद्धा और पारदर्शिता का जीवंत उदाहरण है राम जन्मभूमि निधि समर्पण महाभियान। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए चल रहे महाभियान में जुटे कार्यकर्ताओं से लेकर बैंक तक कड़ी से कड़ी इस तरह से जोड़ी गई है कि भगवान राम के काज में मामूली भी चूक न रह जाए। इतना ही नहीं, आधुनिक डिजिटल तकनीकों का भी इस्तेमाल इस तरह से किया गया है कि सायबर ठग उसमें सेंध न लगा सकें।

निधि समर्पण महाभियान के उदयपुर निधि प्रमुख सुभाष जोशी ने बताया कि घर-घर 10, 100 और 1000 रुपये के निधि समर्पण के कूपन पर समर्पणकर्ता का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है। इससे अधिक की राशि के लिए रसीद बुक हैं। दो हजार रुपये से अधिक की राशि चेक द्वारा ही ली जा रही है और समर्पणकर्ता का पैन नंबर भी लिया जा रहा है ताकि बैंक में जमा कराने में भी समस्या न आए। यह अनिवार्य किया गया है कि कूपन व रसीदों की संख्या पहले ही जांच ली जाए। यदि किसी कूपन या रसीद पर नंबर अंकित नहीं ह%0ं तो उसे पहले %Bी निरस्त किया जा रहा है। यदि प्रिंटिंग की त्रुटि के चलते दो कूपन या दो रसीदों पर एक जैसा अंक है तो उन्हें भी निरस्त किया जा रहा है। राशि जमा कराने के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है। पहला स्तर टोलियों का है जो घर-घर जाकर समर्पण प्राप्त कर रही है। कुछ टोलियों के ऊपर एक-एक संग्रहकर्ता हैं जो उनकी जिम्मेदारी वाली टोलियों को कूपन व रसीद बुक देकर प्राप्ति के हस्ताक्षर ले रहे हैं। इसके बाद कूपन व रसीदों की पावती भी समर्पण राशि के साथ कर रहे हैं। यह राशि व प्राप्त चेक संग्रहकर्ता उनसे ऊपर की व्यवस्था में निर्धारित किए गए डिपोजिटर को जमा करा रहे हैं। डिपोजिटर राशि व चेक लेकर संग्रहकर्ता को जमा रसीद प्रदान कर रहे हैं। इसके बाद डिपोजिटर निधि समर्पण के लिए बनाए गए एप पर विवरण दर्ज कर राशि व चेक बैंक में जमा करवा रहे हैं। एप के माध्यम से हर छोटी से छोटी जानकारी दर्ज की जा रही है।
उदयपुर में 1800 कार्यकर्ता इस कार्य में लगे हैं। सभी को आग्रह किया गया है कि प्रतिदिन का हिसाब प्रतिदिन जमा कराना है। किसी से भी किसी भी स्थिति में गुप्त दान या बिना रसीद राशि लेने के लिए मनाही है। एप के द्वारा कार्यकर्ताओं की कड़ी अयोध्या तक जुड़ी हुई है। किसी भी कड़ी में कहीं त्रुटि रहती है तो अयोध्या में बैठे विशेषज्ञों की ओर से सीधे स्थानीय स्तर पर सूचना आती है।

पूरे देश में ट्रस्ट ने तीन बैंकों एसबीआई, पीएनबी व बीओबी से इस कार्य में सहयोग हेतु करार किया है। बैंकों ने भी सहयोग करते हुए इस कार्य के लिए कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों की विशेष व्यवस्था दी है ताकि रामजी के काज में सुगमता बनी रहे।

आचार्य युवा मंच ने किया गुप्त कोष का समर्पण
आचार्य युवा मंच राजस्थान के अध्यक्ष अनिल कुमार आचार्य के नेतृत्व में मंगलवार को हिरण मगरी स्थित विश्व संवाद केंद्र उदयपुर में गुप्त कोष के रूप में एकत्र हुई राशि मंदिर निर्माण के लिए समर्पित की गई। इस अवसर पर मंच के कोषाध्यक्ष पवन आचार्य, सचिव महावीर आचार्य एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष नानालाल आचार्य उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि यह राशि मंच की ओर से रखे गए कलश में एकत्र हुई थी। कई समाजजन गुप्तदान करना चाहते थे जो कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र निधि समर्पण समिति के निर्देशानुसार बिना रसीद के संभव नहीं है। समिति के अनुसार हर समर्पण की रसीद अनिवार्य है। ऐसे में आचार्य युवा मंच की ओर से एक कलश रखा गया। सभी ने अपनी-अपनी श्रद्धा से कलश में राशि समर्पित की। इस कलश की राशि को मंच के कार्यकर्ताओं ने मंच की ओर से विश्व संवाद केन्द्र पहुंचकर निधि समर्पण समिति के कार्यकर्ताओं को सौंपी। निधि समर्पण में आचार्य महिला मंच ने भी उत्साह दिखाया।

सिख समाज के वरिष्ठ अरोड़ा ने किया 31 लाख का समर्पण
राम मंदिर के लिए विभिन्न समाजसेवियों की ओर से निधि समर्पण का दौर जारी है। सिख समाज के वरिष्ठ जगमोहन अरोड़ा की ओर से 31 लाख की निधि समर्पित की गई।

सिख समाज के वरिष्ठ अरोड़ा ने किया 31 लाख का समर्पण

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन, नगर निगम उदयपुर के उपमहापौर पारस सिंघवी व अन्य उद्योगपति उपस्थित थे। इस अवसर पर अरोड़ा ने कहा कि भगवान राम सभी के हैं और सिख समाज मंदिर निर्माण में हरसंभव सहयोग को तत्पर है।

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