राजस्थान इतिहास कांग्रेस के अधिवेशन में आए प्रतिभागियों ने प्रताप गौरव केंद्र का दौरा किया

राजस्थान इतिहास कांग्रेस के अधिवेशन में आए प्रतिभागियों ने प्रताप गौरव केंद्र का दौरा किया

राजस्थान इतिहास कांग्रेस के अधिवेशन में आए प्रतिभागियों ने प्रताप गौरव केंद्र का दौरा किया

उदयपुर, 04 सितम्बर। उदयपुर शहर में आयोजित राजस्थान इतिहास कांग्रेस के 35वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से भाग लेने आए इतिहासकारों, पीएचडी धारकों एवं शोधकर्ताओं ने प्रताप गौरव केंद्र का भ्रमण कर मेवाड़ के इतिहास एवं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन को जाना।

प्रताप गौरव केन्द्र के भ्रमण से पूर्व आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के महामंत्री परमेन्द्र दशोरा ने कहा कि इतिहास वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अध्ययन करने का विषय है। सत्यता की कसौटी पर खरा उतरते हुए हम भविष्य के निर्माण के लिए क्या करना चाहते हैं, उसके अनुसार हम अपनी धारणा बनाते हैं। हमारे लिए आवश्यक है कि हमें इतिहास की सटीक जानकारी हो। हम इतिहास से जुड़े हर विषय को प्रामाणिकता के साथ सही जानकारी के साथ सभी के समक्ष रखें। हम अगर ठीक से विश्लेषण नहीं करेंगे तो सही जानकारी नहीं दे पाएंगे। इतिहास पर शोध करना अलग विषय है और उसे पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से पढ़ाना अलग विषय है। हमारी पाठ्यपुस्तकों मे ठीक ढंग से विषय जाए इसके लिए हमें गंभीर होना होगा।

समस्त इतिहासकारों, शोधकर्ताओं ने अलग अलग समूह में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए हल्दीघाटी विजय युद्ध दीर्घा, मेवाड़ रत्न दीर्घा, रोबोटिक शो, लाइट एण्ड साउंड शो भारत दर्शन, राजस्थान दीर्घा, क्रांति दीर्घा, महाराणा प्रताप चित्र प्रदर्शनी, मेवाड़ इतिहास पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म देखी। इस दौरान मेवाड़ के इतिहास एवं महाराणा प्रताप से जुड़े विभिन्न विषयों से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान भी किया। तत्पश्चात शोधकर्ताओं एवं पीएचडी धारकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए प्रताप गौरव केंद्र को स्वाभिमान और प्रेरणा का पुंज बताया, साथ ही कहा कि इतिहास से जुड़े विद्यार्थियों को ही नही बल्कि विभिन्न परीक्षाओं के कॉम्पिटिशन की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को एक बार जरूर प्रताप गौरव केंद्र आकर देखना चाहिए ताकि उन्हें मेवाड़ के वास्तविक इतिहास की जानकारी मिल सके।

उल्लेखनीय है कि प्रताप गौरव केन्द्र शोध व अध्ययन का एक बड़ा केंद्र है। यहॉं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम की झलक मिलती है। केन्द्र देखने के पश्चात स्वाभिमान का जागरण तो होता ही है, मेवाड़ के इतिहास एवं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन को भी जानने का अवसर मिलता है।

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