‘बंजारा : मुख्यधारा की तलाश में घुमंतु समुदाय’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन राजस्थान विवि में

‘बंजारा : मुख्यधारा की तलाश में घुमंतु समुदाय’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन राजस्थान विवि में

 ‘बंजारा : मुख्यधारा की तलाश में घुमंतु समुदाय’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन राजस्थान विवि में

जयपुर 26 मार्च। “बंजारा : मुख्यधारा की तलाश में घुमंतु समुदाय” विषय पर राजस्थान विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी (27-28 मार्च) का आयोजन होगा। यह आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग, राजस्थान विश्वविद्यालय व घुमंतु जाति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्त्वाधान में होगा। संगोष्ठी के आयोजक प्रो. जयंत सिंह ने बताया कि यह संगोष्ठी स्वाधीनता के अमृत महोत्सव व राजस्थान विश्वविद्यालय के 76 वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्देश्य  बंजारा समुदाय  की मूलभूत समस्याओं पर शोधपरक चिंतन कर उचित समाधान का प्रयास करना है। यह एक विशेष प्रकार की आनुभविक संगोष्ठी है, जिसमें बंजारा समुदाय के विषय विशेषज्ञ एवं विभिन्न घुमंतु समुदाय के लिये प्रत्यक्ष रूप से सेवा कार्य करने वाले अनेक राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। इस संगोष्ठी का उद्देश्य घुमंतु समुदाय के समक्ष अस्तित्व व अपनी पहचान को लेकर उभरते समकालीन प्रश्नों पर चिंतन कर उनका समाधान खोजना, साथ ही स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगाँठ पर देश व समाज के लिए कार्य करने वाले बंजारा समाज के नेपथ्य नायकों को इतिहास के पन्नों से बाहर निकाल कर समाज के सम्मुख लाना भी है।

संगोष्ठी का उद्धघाटन 27 मार्च को प्रातः 10 बजे डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग, राजस्थान विश्वविद्यालय में किया जाएगा। संगोष्ठी में बंजारा समुदाय से संबंधित अनेक विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किये जाएंगे, जिनमें बंजारा समुदाय की ऐतिहासिक, आर्थिक, सांस्कृतिक गौरवशाली परम्परा, राष्ट्र निर्माण में बंजारा समुदाय का योगदान, कला, साहित्य, संस्कृति, बोली, जीवनशैली, उनकी समस्याएं व समाधान आदि प्रमुख विषय हैं।

संगोष्ठी संयोजक रोहित कुमार जैन ने बताया कि दो दिवसीय संगोष्ठी में  डॉ. बलवान (अध्यक्ष, हरियाणा घुमन्तु, विमुक्त कल्याण बोर्ड), दुर्गादास (अखिल भारतीय घुमंतु कार्य प्रमुख, महाराष्ट्र), बंजारा समुदाय विशेषज्ञ  के.जी. बंजारा (गुजरात), 50 से अधिक  शैक्षिक नवाचारों के जनक, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद  के सदस्य संदीप जोशी, पद्मश्री उषा चौमर अलवर, प्रसिद्ध कलाविज्ञ व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेश व्यास, प्रो. नारायण बारेठ (सूचना आयुक्त राजस्थान), प्रो. धर्मचन्द चौबे (घुमंतु कार्य विशेषज्ञ) डॉ. ओमप्रकाश बैरवा (आईएएस) एवम अन्य विद्वतजन शामिल होंगे।

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