भारत के विमर्श को स्थापित करना है- निम्बाराम
जयपुर, 21 मई। संघ कार्य में वर्गों का विशेष महत्व होता है। वर्ग में सामूहिक जीवन के अनुभव से समाज को समरस बनाने एवं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने के गुण का विकास होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने संघ शिक्षा वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संघ सम्पूर्ण हिन्दू समाज का संगठन है। सारा समाज एक है, ऐसा भाव जागृत करने का कार्य हमें करना है। इसके लिए केवल विचार में ही परिवर्तन नहीं, क्रियान्वयन में भी परिवर्तन लाना होगा। शाखा कार्य का अर्थ है देश की प्रगति के लिए अच्छे व्यक्ति तैयार करना, जिसे हम व्यक्ति निर्माण कहते हैं।
राजस्थान का द्वितीय वर्ष आज हुआ प्रारंभ
संघ के राजस्थान क्षेत्र का संघ शिक्षा वर्ग (द्वितीय वर्ष, सामान्य) का शुभारंभ रविवार को सुबह आदर्श विद्या मंदिर हिन्डौन परिसर में सर्वाधिकारी प्यारेलाल मीणा एवं निम्बाराम द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
समाज की सज्जन शक्ति का साथ लेगा संघ
उद्घाटन सत्र में निम्बाराम ने कहा कि शताब्दी वर्ष में सज्जन शक्ति के साथ मिलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य करना है। 2025 में संघ के गठन को 100 वर्ष हो रहे हैं। अब हमें भारत के विमर्श को स्थापित करना है।उन्होंने शिक्षार्थियों से कहा हमें मैं और मेरा से ऊपर उठकर प्रत्येक गांव में शाखा और मिलन शुरू करना है। इसलिए संघ के शिक्षा वर्ग में अलग-अलग विषयों को सुनने और समझने के बाद नए कार्यकर्ता को अपने व्यवहार और आचरण से खड़ा करना है।
वर्ग का वातावरण पर्यावरण हितैषी
वर्ग कार्यवाह गेंदालाल सैनी ने बताया कि वर्ग में जल संरक्षण एवं वृक्ष संरक्षण से शिक्षार्थियों को जोड़ा गया है। दैनिक जीवन में जल के सदुपयोग की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आज कम पानी का उपयोग कर नहाने का वीडियो दिखाया गया। पानी बचाने के लिए शिक्षार्थी मिट्टी से बर्तन मांज रहे हैं। वहीं वृक्ष संरक्षण एवं वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्लास्टिक मुक्त एवं स्वच्छ परिसर के लिए प्लास्टिक की बोतलों एवं कचरे से ईको फ्रेंडली ईंटें बनाई जा रही हैं।
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी रहेंगे वर्ग में
प्यारेलाल मीणा ने बताया कि राजस्थान से कुल 253 शिक्षार्थी सहभाग कर रहे हैं, जिन्हें 31 शिक्षक प्रशिक्षण दे रहे हैं। 20 प्रबंधक व्यवस्थाएँ संभाल रहे हैं। सभी शिक्षार्थी स्वयं के खर्चे से वर्ग में पहुंचे हैं और निर्धारित शुल्क जमा कर वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। 20 दिवसीय वर्ग के अंतिम सप्ताह में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी द्वितीय वर्ष के वर्ग में आएंगे।