भिवाड़ी में हुआ विशाल शाखा संगम का आयोजन
भिवाड़ी में हुआ विशाल शाखा संगम का आयोजन
भिवाड़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भिवाड़ी नगर द्वारा विशाल शाखा संगम का आयोजन किया गया। एक मैदान, 58 शाखाएं और लगभग 2 हजार 800 स्वयंसेवक, भिवाड़ी के अरावली विहार में स्थित मेला मैदान परिसर में राष्ट्र चेतना शाखा संगम कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। शाखा संगम में राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में संघ का जो विशाल स्वरूप दिखाई दे रहा है, उसके पीछे संघ के अनेक कार्यकर्ताओं का परिश्रम और शक्ति छुपी हुई है। संघ की स्थापना के समय डॉ. केशव राव बलिराम हेडगेवार ने हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए दैनिक शाखा की अभिनव पद्धति का शुभारंभ किया, जिसे आज 98 वर्ष हो रहे हैं।
उन्होंने कहा 100 वर्ष का संघ देखना है तो मैदान में आएं, संघ की लगने वाली शाखाओं में आकर देखें। आने वाले समय में देश के सामने अनेक चुनौतियां दिखाई दे रही हैं। हम सब स्वयंसेवक इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते हुए भारत माता को परम वैभव पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों ने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में कार्य खड़ा करने के लिए अनेक संगठनों का निर्माण किया है। आज ये संगठन शिक्षा चिकित्सा, धार्मिक ज्ञान विज्ञान, सेवा के क्षेत्र में अग्रणी संगठन के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ ने समाज में परिवर्तन लाने के लिए कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण सामाजिक समरसता, सामाजिक सद्भाव, गो सेवा और ग्राम विकास की अनेक गतिविधियों का निर्माण किया है, जिनके माध्यम से संघ के स्वयंसेवक समाज में परिवर्तन लाने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं।
अंत में उन्होंने वर्तमान में विमर्श के नाम पर चल रहे छद्म प्रयासों से भी सतर्क रहन और भारतीय संस्कृति के संरक्षण व सांस्कृतिक धरोहर के प्रचार प्रसार पर भी बल दिया। अपने विषय मे G20 का सफल आयोजन और चंद्रयान की सफलतापूर्वक लेंडिंग पर भी राष्ट्रीय स्वाभिमान जैसे विषयों को स्वयंसेवकों के समक्ष रखा। संगम की विशेष बात यह रही कि एक ही स्थान पर सभी शाखाओं के लिए अलग-अलग संघ स्थान बनाए गए थे तथा सभी शाखाओं ने अपने अलग-अलग ध्वज लगाकर शाखा लगाई।
भिवाड़ी नगर कार्यवाह मातादीन ने बताया, नगर की सभी शाखाओं का संगम अरावली विहार मेला परिसर में हुआ। 58 शाखाओं में प्रौढ़, तरुण व्यवसायी, महाविद्यालय विद्यार्थी एवं विद्यार्थी शाखाओं के लगभग 2800 स्वयंसेवक उपस्थित रहे।