भीष्म इंडिक फाउंडेशन: ‘शोध भारत का, बातें भारत की’ के अंतर्गत कोई भी अर्जित कर सकता है भारतीय ज्ञान संपदा

भीष्म इंडिक फाउंडेशन, ‘शोध भारत का! बातें भारत की’ के अंतर्गत कोई भी अर्जित कर सकता है भारतीय ज्ञान संपदा
भीष्म इंडिक फाउंडेशन, ‘शोध भारत का! बातें भारत की’ के अंतर्गत कोई भी अर्जित कर सकता है भारतीय ज्ञान संपदा

नई दिल्ली 26 जुलाई। भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित  डिजिटल क्रांति “शोध भारत का, बातें भारत की” के अंतर्गत कोई भी अब भारतीय ज्ञान संपदा अर्जित कर सकता है।  दरसल पुणे की संस्था भीष्म इंडिक्स ने भारतीय ज्ञान प्रणाली और भारतीय अध्ययन में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की घोषणा की है जो 2 अगस्त, 2021 से शुरू हो रहा है। यह संस्था का छठा संस्करण है। भीष्म स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज (Bhishma School of Indic Studies) भीष्म इंडिक फाउंडेशन (Bhishma Indic Foundation) द्वारा चलाया जाने वाला एक उपक्रम है।

‘आगामी भविष्य हेतु  प्राचीन भारतीय ज्ञान’ को संवर्धित एवं संयोजित करने, भारत के युवाओं में जिज्ञासा पैदा करने तथा  भारतीय ज्ञान प्रणाली और भारतीय अध्ययन के लिए बौद्धिक योद्धा बनाने में सहायता के उद्देश्य से भीष्म इंडिक्स (Bhishma Indics) ने इस जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की है, जिसमें राजीव मल्होत्रा (यूएसए), डॉ. विजय भटकर, स्वामी गोविंददेव गिरि, डॉ. रवींद्र कुलकर्णी (न्यू यॉर्क), डॉ. मिलिंद साठे (ऑस्ट्रेलिया) जैसे वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भीष्म इंडिक्स की मेंटर सूची में हैं। भीष्म संगठन पिछले 40 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहा है।

भीष्म इंडिक्स के संस्थापक-निर्देशक क्षितिज पाटुकले ने बताया की प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली अब केवल समाज के विद्वानों और अभिजन-वर्ग तक ही सीमित नहीं रहेगी।  इस पहल ने सभी के लिए प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रवाह खोल दिए हैं। भीष्म इंडिक्स के भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित ऑनलाइन पाठ्यक्रम आईएसीडीएससी (IACDSC) परिषद (यूएसए) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

वर्तमान में सात पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं,  जिनमें पुराणों का अध्ययन,  वेद, वेदांग और दर्शन का अध्ययन,  प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला, उपनिषद का अध्ययन,  हिंदू मंदिरों और देवताओं का अध्ययन,  प्राचीन भारतीय संस्कृतियां और परंपराएं एवं भगवद गीता का अध्ययन शामिल है।  अधिक जानकारी हेतु वेबसाइट https://www.bishmaindics.orgके माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *