मजहब इस्लाम, चोला हिन्दू, पकड़े गए बहुरूपिए

मजहब इस्लाम, चोला हिन्दू, पकड़े गए बहुरूपिए

मजहब इस्लाम, चोला हिन्दू, पकड़े गए बहुरूपिएहॉस्टल वॉर्डन जुबैन बी

ऐसे लोग जिनका वंदे मातरम या भारत माता की जय बोलने   मात्र से मजहब खतरे में आ जाता है, जो राष्ट्रगान के सम्मान में 52 सेकेंड खड़े नहीं हो सकते, जिन्हें मंदिर की आरती से लेकर हर हिन्दू धार्मिक परम्परा मजहब के विरुद्ध लगती है और हर मूर्ति पूजक काफिर नजर आता है, वे अपना उद्देश्य साधने के लिए हिन्दू नाम भी रख लेते हैं, कलावा पहनने, तिलक लगाने से लेकर नवरात्रि में गरबा नृत्य भी कर लेते हैं। और तो और भगवा को अपनी आंखों की किरकिरी मानने वाले अपराध करने के समय या बाद में छिपने के लिए भगवा धारण करने से भी नहीं हिचकिचाते।

पिछले सप्ताह इंदौर में एक महिला पकड़ी गई, जिसने हॉस्टल वॉर्डन बनने के लिए मुसलमान होते हुए भी हिन्दू नाम से जाली पेपर बनवा लिए और हॉस्टल संचालकों की आंखों में धूल झोंकते हुए नौकरी हथिया ली। फिर जालसाजी कर अपने परिजनों को खूब लाभ पहुंचाया। तीन साल बाद हॉस्टल एकाउंट की ऑडिट में मामले का खुलासा हुआ। इस अंतराल में वॉर्डन ने संचालकों को लाखों रुपये की चपत लगा दी और राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में जमा करा दी। इतना ही नहीं रिश्तेदारों ने उन पैसों से कार, गहने, जमीन जैसी महंगी चीजें भी खरीद लीं।

पुलिस पड़ताल में पता चला कि ज्योति शर्मा नाम से नौकरी हथियाने वाली वॉर्डन का असली नाम जुबैन बी और उसके पति का नाम मोइनुद्दीन शेख है।

वॉर्डन ने हॉस्टल में रह रही छात्राओं को फीस रसीद देने के लिए बिल्कुल असली जैसी दिखने वाली नकली रसीद बुक्स छपवा रखी थीं और वो छात्राओं से मोटी फीस वसूलकर, उन्हें नकली रसीद थमा देती थी। इतना ही नहीं वह हॉस्टल में होने वाले खर्चों पर मोटा कमीशन भी वसूलती थी। उसकी यह कारगुजारी तीन साल तक किसी की पकड़ में नहीं आई। घटना इंदौर के पलासिया क्षेत्र के सोहम गर्ल्स हॉस्टल की है, जिसके मालिक सुनील पिता शरद जैन निवासी हुक्माखेड़ी राजेंद्र नगर हैं।

कड़ी पूछताछ करने पर हॉस्टल वॉर्डन जुबैन बी ने बताया कि उसने अपनी बेटी नंदिनी उर्फ अजीम शेख, अपने पति सनी उर्फ मोइनुद्दीन के खातों में यह अवैध राशि जमा कराई। इस पूरे मामले की शिकायत हॉस्टल मालिक शरद जैन ने तुकोगंज थाने में कराई है। वहीं, सबूत के रूप में सीसीटीवी फुटेज और कई तस्वीरें भी पुलिस को सौंपी हैं। सभी आरोपी फरार हैं, पुलिस जिनकी तलाश कर रही है।

इसी तरह 29 जून को हिमाचल के सोलन जिले के बड़ोग में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें मुस्लिम पुरुष भगवा वस्त्र पहन कर साधु के भेष में जनता को जादू-टोने के चक्कर में डालकर डरा रहे थे। पुलिस ने पांच ऐसे नकली साधु पकड़े हैं, जिनकी वेशभूषा तो हिंदू संतों जैसी थी, लेकिन आधार कार्ड में उनके नाम मुस्लिम पाए गए। आधार कार्ड भी पॉंच में से सिर्फ तीन के पास ही थे। पूछताछ में ये सभी पल-पल अपना बयान बदल कर पुलिस की नजरों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे थे।

इस घटना पर आरएसएस के सोलन सहकार्यवाह कश्मीर सिंह कपिल ने कहा कि यह हिंदू व संत समाज को बदनाम करने का षड्यंत्र है। मुसलमान भगवा वस्त्र पहनकर यदि किसी भी वारदात को अंजाम देते हैं, तो बदनामी तो हिन्दू समाज की ही होगी। मौके पर उपस्थित कुछ लोगों का यह भी कहना था कि इन युवकों के पास नशीले पदार्थ भी थे, लेकिन पुलिस को आता हुआ देखकर इन्होंने पैकेट कहीं फेंक दिया। एडीशनल एसपी अशोक वर्मा ने कहा कि संतों के भेष में घूम रहे मुस्लिम युवकों का पूरा ब्यौरा एकत्रित किया जा रहा है। इन युवकों में से दो के पास से ऐसे मोबाइल फोन मिले हैं, जिनकी कीमत 10 से 15 हजार के बीच बताई जा रही है। पुलिस इन मोबाइल कॉल डाटा के आधार पर भी तथ्य एकत्रित कर रही है।

ऐसा ही गिरोह इंदौर के जवाहर टेकरी के पास ओमनी स्कूल के बाहर चाय की दुकान से भी पकड़े जाने के समाचार हैं। वहॉं तीन युवक साधु के भेष में भगवा वस्त्रों में थे। नशे में धुत युवकों की हरकतें सन्यासियों जैसी न होने पर लोगों को शक हुआ। पूछताछ में उनके मुसलमान होने का पता चला।

साधु भेष में भगवा पहने मुसलमान युवक, कर रहे थे नशा

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