रामजन्मभूमि मंदिर : प्राण प्रतिष्ठा में बस कुछ ही दिन शेष

रामजन्मभूमि मंदिर : प्राण प्रतिष्ठा में बस कुछ ही दिन शेष

हेमलता

रामजन्मभूमि मंदिर : प्राण प्रतिष्ठा में बस कुछ ही दिन शेषरामजन्मभूमि मंदिर : प्राण प्रतिष्ठा में बस कुछ ही दिन शेष

‘ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैजनियां…’ गाकर वात्सल्य भाव से भक्ति में डूबे श्रद्धालु भाव विभोर हो उठेंगे, जब अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पांच वर्षीय बालक के स्वरूप में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। जय श्री राम का जयघोष करने वाले करोड़ों देशवासियों के लिए प्रतीक्षा की घड़ी अब समाप्त होने वाली है। भक्तों के प्रभु श्री रामलला की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। यह दिन संपूर्ण भारतवर्ष व विश्व के लिए दीपावली के उत्सव जैसा होगा। अपने जीवनकाल में 14 वर्षों के वनवास के बाद जब श्री राम अयोध्या पहुंचे तब पहली दीपावली मनाई गई। अब इस युग में कुछ अतिवादियों के हठ के चलते रामजन्मभूमि मंदिर विवाद ने जन्म लिया और रामलला को ‘न्याय’ की प्रतीक्षा करनी पड़ी। आखिरकार 9 नवम्बर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने भगवान के पक्ष में न्याय किया और मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट को जमीन सौंपने का आदेश दिया। तब से अब तक हर राम भक्त रामलला के भव्य मंदिर में विराजने की प्रतीक्षा कर रहा है। एक बार फिर देश में दीपावली जैसा भव्य उत्सव होगा।

अयोध्या में बन रहे रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसी क्रम में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को एक भव्य समारोह में मंदिर की आधारशिला रखी थी। मुख्य मंदिर के अलावा, परिसर में एक संग्रहालय, डिजिटल अभिलेखागार और एक शोध केंद्र भी होगा। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह में पांच वर्षीय बालक के स्वरूप में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस आयोजन के बाद मंदिर के दूसरे व तीसरे तल का निर्माण कार्य जारी रहेगा। मंदिर भवन की विशेषता यह है कि इसमें कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। पत्थरों को जोड़ने के लिए सीमेंट और रेत के बजाय तांबे की पत्तियों का प्रयोग किया जा रहा है। गर्भगृह के द्वारों को भी तैयार कर लिया जाएगा। इन द्वारों को सोने से मढ़े जाने की तैयारी है।

मंदिर निर्माण का पहला चरण इस वर्ष दिसम्बर तक पूरा करा लिए जाने की तैयारी है। भव्य मंदिर के पहले तल के निर्माण कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में होना है। हालांकि, पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला को उनके गर्भगृह में स्थापित कर दिया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 15 से 24 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। 24-25 जनवरी से रामलला का दरबार सामान्य भक्तों के लिए खुल जाएगा। रामलला इसके बाद अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह से भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर निर्माण के प्रथम चरण में नृत्य मंडप, रंग व गुह्य मंडप पर स्तंभों के निर्माण के लिए आधारभूत ढांचा तैयार किया जा चुका है। दूसरी तरफ भूतल को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।

मकराना के संगमरमर की आपूर्ति हुई तेज
इसी माह भूतल की फर्श पर संगमरमर लगना शुरू हो जाएगा। इसके लिए मकराना के संगमरमर की आपूर्ति तेजी से हो रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि प्रथम तल पर निर्माण शुरू हो गया है। प्रथम तल पर मंडपों की निर्धारित परिधि में ढाई फीट ऊंची पत्थर की दीवार बनाई जा चुकी है। इसी पर स्तंभ खड़े किए जाएंगे। भूतल की तरह ही स्तंभ के एक हिस्से को दूसरे से जोडक़र निर्मित किया जाएगा। मंदिर के तीनों तलों में 360 स्तंभ लगाए जाने हैं। भूतल पर 160 स्तंभ लग चुके हैं। दिसम्बर तक राम मंदिर का भूतल पूरी तरह तैयार होना है, जिसमें दरवाजे, खिडक़ी तथा बिजली वायरिंग से लेकर फर्श पर संगमरमर लगने हैं। नए वर्ष में मकर संक्रांति के बाद रामलला को भव्य मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाना है।

पूरे देश का योगदान
राम मंदिर निर्माण में देश के लगभग सभी राज्यों का योगदान है। मंदिर में लगाए जाने वाले पत्थर राजस्थान व कर्नाटक से आए हैं। रामलला की अचल मूर्ति कर्नाटक व राजस्थान के पत्थरों से बन रही है। मंदिर के दरवाजे महाराष्ट्र के सागौन की लकडिय़ों से बन रहे हैं। दरवाजे पर नक्काशी का काम कन्याकुमारी के कारीगर कर रहे हैं। मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद इसमें संपूर्ण देश की झलक देखने को मिलेगी। मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता के अनुसार, राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में 3400 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है।

प्रवासी भारतीय भी कर पाएंगे दर्शन
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने की तैयारी की गई है। देश के विभिन्न भागों में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किए जाने की तैयारी पहले से जारी है। इस अवसर पर देश के अनेक मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाएंगे। वहीं, विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास में भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस प्रकार प्रवासी भारतीय रामलला का दर्शन कर पाएंगे।

बन रही है डॉक्यूमेंट्री

डॉक्यूमेंट्री में दिखेगी श्री रामजन्मभूमि की अब तक की यात्रा
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के इतिहास और आंदोलन से लेकर नए सिरे से शुरू हुए मंदिर के निर्माण तक पर डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएगी। इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण का दायित्व मंदिर ट्रस्ट ने महाराष्ट्र की कंपनी को सौंपा है। इसमें भक्तों के अपने ही भगवान का मंदिर बनाने के लिए किए गए संघर्ष की कहानी को प्रदर्शित किया जाएगा। महाराष्ट्र की एकनाथ सतपुरकर की कंपनी 40 वर्षों से फिल्म और डॉक्यूमेंट्री का निर्माण कर रही है। अयोध्या के रामनिवास भवन में कंपनी का कार्यालय और स्टूडियो स्थापित है। यहां 4 महीने से राम मंदिर पर डॉक्यूमेंट्री और ऐतिहासिक तथ्य के संग्रह का काम चल रहा है।

कंपनी के संचालक एकनाथ सतपुरकर ने बताया कि राम मंदिर के इतिहास, इसको लेकर चले आंदोलन, पुरातत्व विभाग की जांच, कानूनी लड़ाई और आंदोलन के विभिन्न खास घटनाक्रमों को डॉक्यूमेंट्री में दर्शाया जाएगा। इसके साथ-साथ अयोध्या के मठ-मंदिर की परंपरा, साधु-संतों की जीवन शैली आदि को भी प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 4 माह के बीच 25-30 मठ-मंदिरों के महंतों और संत समाज के प्रमुखों के साक्षात्कार लिए जा चुके हैं। एकनाथ ने बताया कि मंदिर आंदोलन के दौरान रिपोर्टिंग करने वाले मीडियाकर्मियों के भी इंटरव्यू लिए जाएंगे। कानूनी लड़ाई से जुड़े वकीलों के वक्तव्य को भी इसमें जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि डॉक्यूमेंट्री का काम 2025 तक पूरा करना है। इसीलिए काम में तेजी लाई जा रही है।

35 विशेषज्ञों की टीम

सतपुरकर ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री के निर्माण और जन्मभूमि मंदिर से जुड़े तथ्यों का डॉक्यूमेंटेशन करने में उनकी कंपनी ने 35 टेक्नीशियन और विशेषज्ञों की टीम को लगाया है। इसमें से आधा दर्जन तकनीकी कर्मचारी अयोध्या के कार्यालय पर काम कर रहे हैं। यह कार्य भावी पीढ़ी के लिए राम मंदिर का दस्तावेज बनेगा।

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