सरकार ने चलाया सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार और उस पर स्थापित राम दरबार पर बुलडोजर

सरकार ने चलाया सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार और उस पर स्थापित राम दरबार पर बुलडोजर

सरकार ने चलाया सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार और उस पर स्थापित राम दरबार पर बुलडोजरसरकार ने चलाया सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार और उस पर स्थापित राम दरबार पर बुलडोजर

देश में जहॉं जहॉं भी कांग्रेस की सरकार है, वहां हिन्दू आस्थाओं का दमन अब आम बात है। राजस्थान में सरकार ने सालासर रोड पर स्थित सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार और उस पर स्थापित ‘राम दरबार’ की प्रतिमा पर बुलडोजर चलवाकर फिर एक बार यही सिद्ध किया है। मौके पर उपस्थित PWD इंजीनियर ने पहले तो द्वार पर राम दरबार होने से इन्कार ही कर दिया, लेकिन फिर वहॉं पहुंचे आक्रोशित जन समूह से माफी मांगी। उन्होंने द्वार तोड़ने का कारण सड़क का चौड़ीकरण करना बताया। साथ ही दुबारा द्वार बनाने और राम दरबार स्थापित करने की बात भी कही। लेकिन लिखित में कुछ भी देने से मना कर दिया। वहॉं उपस्थित जन समूह का कहना था कि प्रभु श्रीराम को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस अपना अस्तित्व खतरे में देख भले ही मंदिर की राजनीति करने लगी हो लेकिन असलियत छिपाए नहीं छिपती। सुजानगढ़ में प्रवेश द्वार को गिराते हुए यह ध्यान नहीं रखा गया कि वहां राम दरबार बना हुआ है। इस तरीके को कौन सच्चा हिंदू स्वीकार करेगा? एक स्थानीय व्यक्ति का कहना था कि यदि सरकार के मन में खोट नहीं था, तो प्रवेश द्वार गिराने का समय अर्द्धरात्रि का क्यों चुना?

घटना 15-16 मार्च की रात की है। 16 मार्च को वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसके बाद हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सुजानगढ़-सालासर रोड को जाम कर के विरोध प्रदर्शन किया। डेढ़ घंटे तक लगा जाम रात पौने आठ बजे खुल सका। धरने के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ भी हुआ। दोनों तरफ से वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं, जिस कारण तीन किलोमीटर लम्बे जाम से निपटना प्रशासन के लिए भी मुश्किल हो गया। वहां उपस्थित लोगों का एक ही कहना था कि यदि सड़क को चौड़ा करने के लिए द्वार को तोड़ना आवश्यक ही था तो पहले समाज को विश्वास में लेते, सम्मान के साथ राम दरबार को कहीं स्थापित करते। इस तरह बुलडोजर चलाकर राम दरबार को तोड़ना सीधे सीधे हिन्दू आस्था पर चोट है।

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