राम भक्ति में डूबा सरदारशहर
सरदारशहर, 31 मार्च। रामनवमी के पावन अवसर पर शहर का जनमानस भगवान श्री राम के स्वागत के लिए सड़कों पर उतर आया। चारों ओर केवल केसरिया साफा व पगड़ी पहने राम भक्तों के समूह ही नजर आ रहे थे। शोभायात्रा के प्रारंभ होने पर जब भगवान रामलला की शाही सवारी निकली, तो जनमानस का उत्साह और भक्ति देखकर हर किसी व्यक्ति के मन में भाव जागृत हो रहे थे कि स्वयं प्रभु राम सरदारशहर की धरा पर दर्शन देने आ गए हैं। घुड़सवार दल के साथ, शाही निशान व चँवर ढुलाते सेवकों के साथ मयूराकृति की पालकी में जब भगवान रामलला की सवारी निकली तो देखने वाले सभी भक्त दर्शन कर भावविभोर हो उठे। उपस्थित जनमानस ने पुष्प वर्षा कर भगवान रामलला का स्वागत किया।
श्री राम जन्मोत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित शोभायात्रा का प्रारंभ कच्चा बस स्टैंड के पास मजिस्ट्रेट आवास के सामने स्थित मैदान से हुआ, जहां नाथ जी आश्रम उदासर मठ के महंत श्री दयानाथ जी महाराज व कानासर मठ के महंत अजरानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में ध्वजारोहण कर किया गया। दोनों संत सजे धजे वाहनों के रथ में सवार होकर शोभायात्रा में सम्मिलित हुए।
घर घर भगवा छाएगा रामराज्य फिर आएगा, एक ही नारा एक ही नाम जय श्रीराम जय श्रीराम के जयकारों के साथ हजारों युवक-युवतियों व महिलाओं के समूह ने वातावरण राम मय कर दिया।
शोभायात्रा की अगवानी 31 बुलेट वाहन सवारों की वाहिनी द्वारा की गई। शोभायात्रा में मराठी, बंगाली, हरियाणवी, पंजाबी व राजपूती संस्कृति के परिधानों में सजी महिलाओं व पुरुषों की वाहिनियों ने भारतीय संस्कृति की ‘अनेकता में एकता’ की उक्ति को चरितार्थ कर दिया।
शोभायात्रा में रामलला की शाही सवारी के साथ सीता- स्वयंवर, राम- भरत मिलन, शबरी प्रसंग जटायु संवाद, रौद्र रूप में हनुमान, राम- रावण युद्ध, राम दरबार की जीवन्त झांकियों ने हर किसी का मन मोह लिया। इन झांकियों में आदर्श विद्या मंदिर, नामदेव समाज, प्रजापति युवा विकास संस्था, रैगर महापंचायत, गांधी विद्या मंदिर, चेंबर ऑफ कॉमर्स, ऑक्सफोर्ड स्कूल आदि संस्थाओं का सहयोग रहा। शोभायात्रा जीवीएम मैदान से प्रारंभ होकर अर्जुन क्लब, राजवाला कुआं, गढ़, घंटाघर, मोती चौक, मोचीवाड़ा व रेलवे स्टेशन रोड होते हुए बाबू शोभाचंद जम्मड़ भवन पहुंची। विभिन्न संस्थाओं द्वारा शोभायात्रा का 50 से अधिक स्थानों पर पुष्प वर्षा कर व छाछ, शरबत, लस्सी, शीतल जल, नींबू पानी व दूध पिलाकर स्वागत सत्कार किया गया। आयोजन समिति ने इस बार मुख्य बाजार को गढ़ से लेकर मोती चौक तक सड़क के दोनों तरफ 15 फुट के पोल पर भगवा ध्वज लगाकर सजाया था। पूरे मुख्य बाजार का वातावरण भगवामय था। शोभायात्रा में सम्मिलित होने वाले राम भक्तों का उत्साह अपने चरम पर था। समिति द्वारा साफा बंधवाने के लिए अलग-अलग बस्तियों में व्यवस्था की गई थी, जहां लोग पिछले दो दिनों से अपने साफे बंधवा रहे थे। हजारों की संख्या में जब भगवा साफा व पगड़ी पहने युवक-युवतियों के डीजे पर राम भक्ति की धुनों पर थिरकते हुए मुख्य बाजार से गुजरे तो उत्साह देखते ही बन रहा था। ड्रम बजाने वाले बालकों के समूह ने जब लयबद्ध बजाना प्रारंभ किया तो आसपास खड़े सभी राम भक्तों के समूह नृत्य करने पर मजबूर हो गये।
मुख्य बाजार में गढ़ से लेकर मोती चौक तक महाराणा प्रताप स्कूल के स्केटिंग दल ने स्केटिंग व विवेकानंद के प्रशिक्षणार्थियों ने मानव पिरामिड का निर्माण कर जनमानस को आश्चर्यचकित कर दिया।
शोभायात्रा के समारोप स्थल बाबू शोभाचंद जम्मड़ भवन में भगवान श्रीराम चन्द्र की स्तुति में नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। दयानन्द जी महाराज व अजरानंद जी महाराज के सानिध्य में समिति के अध्यक्ष बृजमोहन सराफ, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बनवारी लाल जी शर्मा व शोभा यात्रा संयोजक मदनलाल ओझा व समिति के सदस्यों द्वारा महा आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। संत श्री अजरानंद जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि रामायण के सात कांड हमें धैर्य, दयालुता, मित्रता, कर्तव्यनिष्ठा आदि शिक्षाएं देते हैं जिन्हें हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
समिति के अध्यक्ष बृजमोहन सराफ ने अपने संबोधन में कहा कि चारों तरफ राम भक्ति का वातावरण देख ऐसा लग रहा है जैसे आज सरदार शहर में राम स्वयं आ गए हैं। चारों ओर राम भक्ति का वातावरण बना हुआ है। राम जी की ऐसी भक्ति और उनके जीवन की मर्यादाएं हमारे जीवन में भी बनी रहें।
समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बनवारी लाल शर्मा ने शोभायात्रा में किसी भी रूप में अपना सहयोग देने वाले सभी रामभक्तों का आभार व्यक्त किया।