राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना विद्या भारती का प्रमुख दायित्व – गोविंद महंत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना व करवाना विद्या भारती का प्रमुख दायित्व - गोविंद महंत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना व करवाना विद्या भारती का प्रमुख दायित्व - गोविंद महंत

विद्या धाम, जालंधर। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गोविंद महंत ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना व करवाना विद्या भारती का प्रमुख दायित्व है। तत्कालीन शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन कर भारतीय संस्कारों व भारतीय शिक्षण पद्धति पर आधारित शिक्षा व्यवस्था देश में स्थापित करना, इस उद्देश्य को लेकर सन् 1952 में विद्या भारती का पहला विद्या मंदिर गोरखपुर में प्रारम्भ किया गया था जो अब एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर चुका है।

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2021’ में भारतीयता की झलक दिखाई देती है। इसी कारण हमारा दायित्व और अधिक बढ़ जाता है। हमारा लक्ष्य भी यही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2021 को लागू करवाने में विद्या मंदिर के प्रत्येक घटक को शामिल करना है। इसमें विद्या मंदिर के पूर्व छात्र, वर्तमान छात्र, शिक्षक, अभिभावक, प्रबंध समिति, समाज के प्रमुख शिक्षाविद व विचारक, शिक्षा विभाग के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि सभी की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। सभी को साथ लेकर शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की योजना बनानी है, विद्या भारती के डेढ़ लाख अध्यापकों और तीस लाख छात्रों के अलावा भी जन-जन तक शिक्षा नीति को पहुंचाना हमारा प्रथम कर्तव्य है।’

वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 को लागू करवाने हेतु प्रशिक्षक तैयार करने के लिए विद्या धाम, जालंधर में आयोजित चार दिवसीय ‘शिक्षक प्रशिक्षक कार्यशाला’ के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। उद्घाटन सत्र का आरम्भ मां सरस्वती की वन्दना से हुआ।

उन्होंने कहा कि हमें नई शिक्षा नीति के अनुसार अपना विद्या मंदिर बनाना है ताकि समाज के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत हो सके। यह दायित्व मात्र सरकार का ही नहीं, बल्कि हम सबका भी है। यह शिक्षा नीति बहुत ही शानदार और अपने लक्ष्य के निकट है। परन्तु यदि इसका क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं हुआ तो इसका कुछ भी लाभ नहीं होगा। अतः हम सभी को इसको लागू करने और करवाने के लिए अपनी कमर कसकर जुट जाना चाहिए। कार्यशाला में कुल 24 सत्र होंगे, जिसमें सभी शिक्षाविद गहन चिन्तन मनन करते हुए विशेषज्ञों से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। कार्यशाला से प्रशिक्षण प्राप्त कर सभी प्रशिक्षक पंजाब के सभी स्थानों व स्कूलों में कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे।

विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा व उपाध्यक्ष सुरेन्द्र अत्री और विद्या भारती पंजाब के अध्यक्ष जयदेव वातिश ने मुख्य वक्ता और विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गोविन्द महंत जी को श्रीफल व शाल देकर सम्मानित किया।

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