राष्ट्र सेविका समिति: कोविड महामारी में बनी महिलाओं और बुजुर्गों का सहारा

राष्ट्र सेविका समिति: कोविड महामारी में बनी महिलाओं और बुजुर्गों का सहारा

राष्ट्र सेविका समिति: कोविड महामारी में बनी महिलाओं और बुजुर्गों का सहारा

राष्ट्र सेविका समिति अर्थात वह संगठन जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रेरणा लेकर संघ की भांति महिलाओं में संगठन व संस्कार के लिए कार्य कर रहा है। समिति का कार्य विस्तार सम्पूर्ण देश में है। कोरोना महामारी के कारण समिति की ई-शाखाएं चल रही हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के कठिन समय में भी समिति की बहनें आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग ढंग से सेवा कार्यों में तत्परता से लगी रही हैं। अजमेर की सेविका बहनों का टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करने से लेकर  टीकाकरण स्थलों की सूचना देने और पंजीयन कराने तक में सहयोग रहा है। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर 584 से अधिक लोगों की पंजीयन करवाने में सहायता की है। छोटी-छोटी विडियो क्लिप्स, सन्देशों आदि के माध्यम से वैक्सीन लगवाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के मन से भ्रम दूर किया।

अप्रैल से ही “कोविड-19 हेल्पलाइन सेवारथी” राजस्थान की हेल्पलाइन का विमोचन समिति की अखिल भारतीय पदाधिकारी भाग्यश्री साठे द्वारा किया गया। इसी तरह जिला अनुसार योग अभ्यास एवं प्राणायाम के आयोजन रखे गए।

जयपुर व उदयपुर की सेविकाओं द्वारा लोगों को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करते हुए प्रतिदिन योगाभ्यास द्वारा प्रतिरोधक क्षमता एवं प्रतिरक्षा तंत्र का विकास ऑनलाइन अभ्यास से करवाया जा रहा है।

जयपुर प्रान्त की प्रचार प्रमुख गुलशन शेखावत बताती हैं कि योग चिकित्सक और विशेषज्ञों द्वारा कोरोना पॉजिटिव के लिए यह सेवा प्रकल्प एक माह तक चलाया गया। जयपुर समिति द्वारा संचालित ऑनलाइन योग कक्षा में 20 से 25 लोग प्रतिदिन जुड़ते थे, जिनमें 60 के लगभग कोविड पॉजिटिव थे। 20 पोस्ट कोविड और 20 लोग अपनी जानकारी के लिए सम्मिलित हुए। सभी ने अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।

संवाद कार्यक्रम में प्रतिदिन पाँच संक्रमित नागरिकों से संवाद करना होता था, चित्तौड़ में सेविकाओं ने map नाम से ग्रुप बनाकर मेडिकल स्टाफ, प्रशासन सहित प्रत्येक समूह के साथ एक एक डॉक्टर को भी जोड़ा।

प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की सूची की जिम्मेदारी सेविकाओं की टीम को दी जाती थी। यह टीम पन्द्रह दिन तक पॉजिटिव व्यक्तियों से बात कर, आवश्यकता होने पर सहयोग, संबल व परामर्श के लिए डॉक्टर्स से कॉन्फरेंस कॉल पर बात भी करवाती थी। इसके साथ प्रौढ़ सेविकाएं प्रतिदिन कोविड केयर सेंटर पर जाकर हनुमान चालीसा, भजन इत्यादि से सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास करती थीं। मॉडल केयर सेंटर व कोविड डाइट चित्तौड़गढ़ में भजनों का आयोजन किया।

चित्तौड़गढ़ प्रान्त कार्यवाहिका वंदना ने एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक़ परित्यक्ता जो अपनी बेटी के साथ माता पिता की आजीविका का आधार थी, उनको राशन देने लगे तो स्वाभिमान के कारण उन्होंने मना कर दिया। और कहा कि मेरे पास आपको अभी देने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए मैं यह राशन नहीं लूँगी। आग्रह के बाद भी नहीं मानीं। जब उनसे कहा कि आप हमसे कपड़ा ले लो और मास्क सिलकर दें तब उन्होंने राशन स्वीकार किया।

सलम्बुर व राजसमन्द की सेविकाओं द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए डॉक्टर की सलाह से होम्योपैथी दवा तैयार कर अब तक लगभग 2000 से अधिक शीशियों का वितरण किया गया है। समिति की जिला कार्यवाहिका शान्ता का कहना है कि इस कार्य से परिवार के सदस्यों में सेवा और दूसरों के प्रति संवेदनशीलता का भाव बढ़ा है। यही नहीं इस सेवा कार्य में लगने से परिवार का वातावरण भी सकारात्मक हुआ है।

जोधपुर प्रांत प्रचारिका ऋतु का कहना है पश्चिमी राजस्थान के सभी ज़िलों में खाद्य सामग्री, पशुओं के लिए पशु आहार, गुड़ व बाजरी, पक्षियों के लिए दाना पानी, वातावरण शुद्धि के लिए हवन यज्ञ, दिव्यांग को अंत्येष्टि कर्म में सहायता आदि अनेक प्रकार के कार्यों में सेविकाएँ अपना सहभाग दे रही हैं।

भीलवाड़ा की बहनों ने काढ़ा, मास्क, खाद्य सामग्री वितरण के साथ रक्तदान, गायों को चारा, कोविड ग्रसित परिवारों को भोजन पहुंचाने जैसे कार्य किये। प्रतापगढ़ की सेविकाओं ने जिला चिकित्सालय में अपनी सेवायें दीं।

कोटा में भी कोविड पीड़ित परिवारों के लिए ऑक्सीजन, शुगर टेस्ट स्ट्रिप, ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर इत्यादि लगभग 24000 के उपकरणों की राशि का वहन बहनों द्वारा किया गया। उन्होंने जरूरतमंदों को महिला चिकिस्कों से दूरभाष पर चिकित्सा परामर्श भी उपलब्ध करवाया।

उल्लेखनीय है कि प्रथम लहर में भी सेविका समिति ने उल्लेखनीय सेवा कार्य किए और उसके बाद  70 हज़ार लोगों का देश भर में एक व्यापक सर्वेक्षण भी किया।

पिछले वर्ष की तरह इस बार भी जून माह में ज़िले की योजना अनुसार सात दिन का योग शिविर शुरू किया गया है जो  अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून तक चलेगा। शिविर में 5:00 बजे से 6:00 बजे तक अपने घर में ही योगाभ्यास करना है। वर्ग के मुख्य आकर्षण नाड़ी शुद्धीकरण, स्ट्रेचिंग, लम्बाई वृद्धि, वजन कम करने व कमर हेतु विविध आसन सूक्ष्म योग समिति की शिक्षिकाओं द्वारा सिखाए जा रहे हैं।

समिति का लक्ष्य है कि राजस्थान के हज़ारों परिवारों तक योग अभ्यास पहुँचे। सभी बहनों से आग्रह है कि वर्चुअल योग वर्गों में जुड़े।

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1 thought on “राष्ट्र सेविका समिति: कोविड महामारी में बनी महिलाओं और बुजुर्गों का सहारा

  1. साधुवाद!!?
    आप सभी @RSS स्वयं सेवक व सेविकाएं वे अप्रत्यक्ष जिन्होंने स्वयं की परवाह ना करते हुए मानवीय संवेदना के मजबूत आधार बने व इस महामारी से लड़े
    हॉस्पिटल के अंदर सेवा को डॉक्टर थे पर बिना सुविधाओ के आप सभी बाहर सेवा सहयोग में प्रतिपल खड़े थे राष्ट्र सभी कोरोना वारियर्स के साथ आप सभी का ऋणी है
    जय माँ भारती

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