वृक्षारोपण करके ही सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है- महंत अमर गिरी महाराज

वृक्षारोपण करके ही सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है- महंत अमर गिरी महाराज

वृक्षारोपण करके ही सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है- महंत अमर गिरी महाराजवृक्षारोपण करके ही सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है- महंत अमर गिरी महाराज

उदयपुर, 20 फरवरी। पूरे देश में समाज को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागृत करने के उद्देश्य से साइकिल से भारत भ्रमण कर रहे उत्तरप्रदेश के साइक्लिस्ट प्रदीप यादव शुक्रवार को उदयपुर पहुँचे। रविवार को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यकर्ताओं ने श्री निरंजनी बालाजी हनुमान मंदिर में पर्यावरण विषय पर आयोजित बैठक में उनका स्वागत किया।

उदयपुर विभाग के पर्यावरण सह संयोजक गणपत लोहार ने बताया की बैठक में श्री निरंजनी बालाजी हनुमान मंदिर के महंत अमर गिरी जी महाराज भी उपस्थिति थे। महाराज ने कहा कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके ही जीव सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है। पेड़ों की सुरक्षा करने से हमें धार्मिक आध्यात्मिक लाभ मिलता है। भारतीय संस्कृति का अवलोकन करने से ज्ञात होता है कि यहाँ पर्यावरण संरक्षण का भाव अति पुरातनकाल में भी मौजूद था, पर उसका स्वरूप भिन्न था। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजने की परंपरा रही है, इस प्रकृति पंचभूत में ईश्वर है, भारतीय संस्कृति ने अपने अंदर के ईश्वर को जगाया हैं।

साइक्लिस्ट प्रदीप यादव ने पर्यावरण संबधी कई रोचक जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने देश भर में एक लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया हुआ है।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि “एक पेड़ देश के नाम (बीजारोपण से वृक्षारोपण)” अभियान का उद्देश्य वृक्षारोपण ही नहीं, अपितु व्यक्ति के मन में पर्यावरण संरक्षण का भाव पैदा करना है। यह गतिविधि घर के बाहर नहीं, अपने घर में ही संपादित कर सकते हैं। पहले बीज लगाएं, बीज से पौधा बनने और फिर बड़ा होने पर उसे घर के बाहर या किसी बगीचे में रोपित करें। पौधा लगाने के लिए किसी भी प्रकार का खर्च नहीं करना है। अपने घर में पड़े वेस्ट– जैसे तेल की कुप्पी, दूध की थैली और भी अन्य वेस्ट साधनों का प्रयोग कर उसी बीजारोपण में करना है।

इस अवसर पर महानगर सामाजिक समरसता प्रमुख दर्शन सनाढ्य, समाजसेवी हितेश चित्तौड़ा समेत अनेक पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *