श्रीराम के चरणों में निस्वार्थ भाव से किया समर्पण कई गुणा होकर वापिस मिल रहा

श्रीराम के चरणों में निस्वार्थ भाव से किया समर्पण कई गुणा होकर वापिस मिल रहा

प्रेरक प्रसंग – 6

श्रीराम के चरणों में निस्वार्थ भाव से किया समर्पण कई गुणा होकर वापिस मिल रहा

  • झोपड़ी व तंगहाली में जीवन यापन करने वाले परिवार ने श्रीराम मंदिर के लिए किया था 500 रु का समर्पण
  • अब क्षेत्र के लोग सहायता के लिए आए सामने
  • परिवार को पक्के मकान के लिए भूमि दी और मकान बनाने में भी सहयोग दिया

जम्मू। कहते हैं कि यदि समर्पण का भाव हो तो गरीबी मायने नहीं रखती। भगवान के समक्ष सच्चे हृदय से किया गया समर्पण कई गुणा होकर वापिस मिलता है और यह प्रमाणित भी हुआ है। मामला रियासी जिले की कांजली पंचायत के शपानू गांव के निवासी दिव्यांग लेखराज का है, जो अपना जीवन परिवार सहित एक झोपड़ी में व्यतीत कर रहा था, अब उसका पक्का मकान समाज के सहयोग से बनने लगा है।

लोगों के सहयेग से बनता लेखराज का मकान

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पिछले दिनों शुरू हुए निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत जब कार्यकर्ता लेखराज के घर पहुंचे थे तो तंगहाली के बावजूद पाई-पाई जमा कर जोड़े 500 रुपये लेखराज ने श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दिए थे। अब प्रभु श्रीराम की कृपा से कुछ ही दिनों में लेखराज का अपना पक्का मकान बनने लगा है। वर्षों तक टूटी-फूटी झोपड़ी में जीवन यापन करने वाले लेखराज और उनके परिवार का चंद दिनों में हुआ कायाकल्प किसी चमत्कार से कम नहीं है।

वर्ष 1991 में आतंकवाद के कारण डोडा से पलायन करने के बाद दिव्यांग लेखराज व उनका परिवार रियासी जिले की कांजली पंचायत के शपानू गांव में किसी द्वारा दी गई जमीन पर एक झोपड़ी बनाकर गुजारा कर रहा है। खुद रोटी के लाले और टूटी-फूटी झोपड़ी के बावजूद इस परिवार ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 रुपये धन संग्रह में देकर आस्था दिखाई थी।

जैसे ही यह खबर इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और प्रिंट मीडिया में प्रसारित हुई तो इसके बाद चर्चा में आए इस परिवार की तरफ मदद के लिए हाथ बढ़ने लगे। इस परिवार को 50 हजार रुपये की नकद सहायता करने वाले कठुआ जिले की लखनपुर नगर पालिका के पूर्व प्रधान रंजू के अलावा और भी लोग मदद के लिए आगे आ गए। इसी गांव के मूल निवासी जम्मू के बागवानी विभाग के जिला अधिकारी राजेंद्र कुमार ने परिवार को मकान बनाने के लिए अपनी एक कनाल पांच मरला भूमि दान कर दी। उधमपुर से एक व्यक्ति ने गुप्त दान में एक शानदार कमरे के निर्माण का खर्च उठा लिया, जबकि बाकी के कमरों व अन्य निर्माण के लिए कई लोग सीमेंट, सरिया, ईट और अन्य निर्माण सामग्री की मदद के लिए आगे आ गए। अब तो इस परिवार के मकान का निर्माण कार्य शुरू भी हो गया है। वहीं, लेखराज व उनका परिवार बार-बार एक ही बात कह रहा है कि उन्हें पता ही नहीं चल रहा कि आखिर हो क्या रहा है। भगवान श्रीराम के दूत बनकर मददगार उनके यहां आ रहे हैं। यहां खुद की जमीन और पक्का मकान होने के बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। अब जो भी हो रहा है, यह सब प्रभु श्रीराम की कृपा है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *