संघ कुछ नहीं करेगा और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ेगा

संघ कुछ नहीं करेगा और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ेगा

संघ कुछ नहीं करेगा और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ेगासंघ कुछ नहीं करेगा और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ेगा

नागपुर। रविवार को विदर्भ प्रांत के प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का समापन हुआ। समापन समारोह में विदर्भ प्रांत कार्यवाह दीपक ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारे उत्थान के लिए हमें ही प्रयास करना है। कलियुग में संघ शक्ति अर्थात समूह की शक्ति का महत्व बताया गया है। अतः हमें स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज और व्यक्ति को पंगु नहीं, बल्कि सक्षम बनाने के लिए प्रयासरत होना है।

उन्होंने स्वामी विवेकानंद की बात स्मरण दिलाई। स्वामीजी चाहते थे कि पूर्वजों के कार्य से भी श्रेष्ठ हो, ऐसा भारत बनाना है। डॉ. हेडगेवार ने परतंत्रता के कारणों पर मंथन कर निष्कर्ष निकाला कि स्वतंत्रता को टिकाने के लिए मन में समाज भक्ति और देश भक्ति की भावना लिए लोगों का संगठन खड़ा करना होगा। ऐसे व्यक्तियों के निर्माण हेतु उन्होंने शाखा तंत्र अपनाया। प्रति दिन एक घंटा शाखा पर आना और वहां यह समाज और देश मेरा है, अतः मुझे इसके लिए कार्य करना है, यह भाव जागृत करना।

संघ का कार्य व्यक्ति और चरित्र निर्माण है। इसके अलावा संघ कुछ नहीं करेगा और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ेगा। इसलिए समाज की उन्नति हेतु आवश्यक सभी विषयों में स्वयंसेवक आगे आए हैं और व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य सक्रिय हैं।

रविवार सायं बुटीबोरी में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वास पॉवर इंजीनियरिंग तथा विश्वास गुरुकुल के संस्थापक एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उद्योगपति राजीव भावे ने शिक्षार्थियों के लिए प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग में प्रवेश प्राप्त होना तथा संघ कार्य से संलग्न होना ईश्वरीय संकेत बताया। उन्होंने कार्य क्षमता बढ़ाने, अथक परिश्रम करने पर बल देते हुए अच्छी आदतें, निश्चय, प्रयत्नशीलता, उत्कृष्टता का लक्ष्य रखने तथा सूक्ष्मतम नियोजन की आवश्यकता अधोरेखित की।

वर्ग में विदर्भ संघ रचना के 33 जिलों से 16 से 40 वर्ष की आयु के 238 शिक्षार्थी सहभागी थे। इनमें कक्षा दसवीं से बारहवीं में शिक्षा प्राप्त करने वाले 134 शालेय विद्यार्थी, 28 व्यवसायी और 76 महाविद्यालयीन विद्यार्थी थे। प्रशिक्षण देने हेतु 35 शिक्षक वर्ग में उपस्थित रहे। वर्ग के दौरान स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर क्रांतिकारियों का जीवन परिचय, भारत माता आरती, सेवा भाव जगाने हेतु श्रम साधना सत्र, आदि उपक्रम हुए।

समापन समारोह में शिक्षार्थियों ने घोष, दंड, दंड-युद्ध, नियुद्ध, योगासन-व्यायाम योग आदि प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का प्रास्ताविक तथा परिचय वर्ग कार्यवाह राजेश बोंद्रे और पूर्ण वर्ग का निवेदन तुषार देवपुजारी ने किया।

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