कुछ लोगों ने पूर्वाग्रह के कारण संविधान में अंकित चित्रों को सामने नहीं आने दिया

कुछ लोगों ने पूर्वाग्रह के कारण संविधान में अंकित चित्रों को सामने नहीं आने दिया

कुछ लोगों ने पूर्वाग्रह के कारण संविधान में अंकित चित्रों को सामने नहीं आने दियाकुछ लोगों ने पूर्वाग्रह के कारण संविधान में अंकित चित्रों को सामने नहीं आने दिया

जयपुर 26 नवंबर। संविधान दिवस के अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र जयपुर की ओर से मालवीय नगर स्थित पाथेय भवन में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी के वक्ता प्रख्यात लेखक लक्ष्मीनारायण भाला ने संविधान की आत्मा में भारतीय तत्वों पर चर्चा की। उन्होंने संविधान की मूल प्रति में भारतीय सनातन परम्परा से जुड़े चित्रों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि संविधान पूरी तरह भारतीय परम्परा और जीवन पद्धति से प्रेरित है, जिसे प्रख्यात चित्रकार नंदलाल बोस ने अपने जीवंत चित्रांकन से सजीव किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने पूर्वाग्रह के कारण संविधान की मूल प्रति पर अंकित चित्रों को आम जनता के सामने नहीं आने दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक, स्तंभकार, पत्रकार उपस्थित रहे।

एक निजी कोचिंग संस्थान में भी विधि विद्यार्थियों के साथ संविधान पर चर्चा का आयोजन किया गया। जहां विद्यार्थियों की संविधान सम्बंधित जिज्ञासाओं पर भाला ने जानकारी रखी। सिटी पार्क मानसरोवर में एक क्विज का आयोजन हुआ। जिसमें सैकड़ों युवा भागीदार हुए। पाथेय भवन में संविधान सम्बंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसका उद्घाटन भी लक्ष्मीनारायण भाला ने किया।

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