समर्पण का भाव ही सर्वोपरि – प्रयागगिरि महाराज

समर्पण का भाव ही सर्वोपरि - प्रयागगिरि महाराज

 

  • श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण महाभियान

उदयपुर, 06 फरवरी। जिसके मन में समर्पण का भाव हो उसका मन निर्मल और निश्छल होता है। उसका समर्पण चाहे कण मात्र हो या मन भर, समर्पण भाव सर्वोपरि है। जिस तरह छोटी सी गिलहरी के समर्पण भाव ने उसे प्रभु श्रीराम का प्रिय बना दिया, उसी तरह राम के काज के लिए निकले कार्यकर्ता समर्पण भाव को शिरोधार्य करें और हर घर का द्वार जरूर खटखटाएं। प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा का भाव उस परिवार के निधि समर्पण के रूप में आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।

यह आह्वान उदयपुर में खास ओदी के महंत प्रयागगिरि महाराज ने गुरुवार को निधि समर्पण अभियान में खास ओदी की तरफ से कार्यकर्ताओं को समर्पण राशि प्रदान करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भगवान राम जन-जन के मन में बसे हैं। चाहे किसी भी समाज से हों, हर जन का मन है कि उसकी श्रद्धा भी अयोध्या में बन रहे प्रभु के मंदिर तक पहुंचे। और आज ऐसा अवसर आया है कि अपनी श्रद्धा और समर्पण को पहुंचाने के लिए अयोध्या जाने की आवश्यकता नहीं हैA4 निधि समर्पण महाभियान के कार्यकर्ता दूत के रूप में द्वारे-द्वारे आ रहे हैं। हर व्यक्ति के मन में %0ह भावना है कि इन दूतों के माध्यम से उनका समर्पण प्रभु के चरणों में पहुंच सकेगा। ऐसे में इस महाभियान में जुटे कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे हर घर पर पहुंचें।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण महाभियान में जुटे कार्यकर्ता सुबह से शाम तक अपना समय समर्पण कर घर-घर पहुंच रहे हैं। महाभियान गांव से होते हुए ढाणियों, मझरों तक पहुंच गया है। महाभियान के महानगर प्रमुख अशोक प्रजापत ने बताया कि कार्यकर्ता उदयपुर शहर की कच्ची बस्तियों में भी पहुंचे हैं और वहां भी यही सामने आया कि बस्तीवासी निधि समर्पण टोली का इंतजार ही कर रहे हों। उनकी श्रद्धा को शिरोधार्य कर कार्यकर्ता हर घर पर पहुंच रहे हैं और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद भी प्राप्त कर रहे हैं।

इधर, शहर से लेकर गांवों तक महाभियान के प्रति जन-जन की जागरूकता भी सामने आ रही है। कहीं किसी क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के नहीं पहुंचने पर क्षेत्रवासी परिचित कार्यकर्ताओं को फोन कर उनके क्षेत्र में अब तक नहीं आने का उलाहना भी दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि श्रद्धा के आगे कार्यकर्ताओं की टोलियां कम पड़ रही हैं।

उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी तक चलने वाले महाभियान के अंतर्गत कार्यकर्ता घर-घर 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये के कूपन लेकर पहुंच रहे हैं। जिस परिवार की जैसी श्रद्धा है, वे वैसा समर्पण सहयोग कर रहे हैं। दो हजार से अधिक की राशि पर 80-जी की छूट है। साथ ही, नकद समर्पण 20 हजार रुपये तक का ही प्राप्त किया जा रहा है। इससे अधिक के समर्पण के लिए चेक ही स्वीकार्य हैं।

अग्रवाल परिवार ने समर्पित किए 51 लाख
निधि समर्पण समिति से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक हेमेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि संघ के उदयपुर महानगर संघचालक गोविन्द अग्रवाल व उनके परिवार की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को मंदिर निर्माण के लिए 51 लाख की निधि का समर्पण किया गया। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद यह अवसर आया है जब रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। भगवान श्रीराम देशवासियों के आराध्य हैं और संस्कृति में रचे-बसे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी धन्य है जो मंदिर निर्माण होते हुए देख पा रही है। उन्होंने इस महाभियान में जुटे सभी कार्यकर्ताओं, समाजसेवियों, भामशाहों का साधुवाद भी किया।

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