शास्त्र सम्मत तरीके से धर्म का निर्वहन करना ही हिंदुत्व है – स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

शास्त्र सम्मत तरीके से धर्म का निर्वहन करना ही हिंदुत्व है - स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

शास्त्र सम्मत तरीके से धर्म का निर्वहन करना ही हिंदुत्व है - स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

पिछले दिनों पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मुरादाबाद प्रवास पर थे। उनके सानिध्य में बुधवार को यहॉं के रेलवे स्टेडियम में एक धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हम सभी सनातनी हैं, हिंदू एक जीवन पद्धति है जो राष्ट्रीयता से जुड़ी है। भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है, इसलिए यह देश स्वाभाविक रूप से हिंदू राष्ट्र है, इसे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए।

धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुओं ने उनसे धर्म, आध्यात्म, विज्ञान, ज्योतिष, राष्ट्रीयता, हिंदू, हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र जैसे विषयों पर अनेक प्रश्न पूछे। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भी उन सबके तर्कों तथा वेद मंत्रों के माध्यम से तार्किक उत्तर दिए।

हिंदुत्व क्या है, पूछने पर उन्होंने कहा कि हमारे देश को हिंदुस्तान भी कहा जाता है अर्थात वह स्थान जहां हिंदू रहते हैं। शास्त्र सम्मत तरीके से अपने धर्म का निर्वहन करना ही हिंदुत्व है।

जीवन में सबसे अच्छा आश्रम कौन सा है, पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी आश्रम अच्छे हैं, परंतु गृहस्थ आश्रम सर्वश्रेष्ठ है। इसी आश्रम से सृष्टि आगे बढ़ती है। नए जीवन का सृजन होता है और सनातनी परंपरा आगे बढ़ती है। इसमें ऋषि मुनियों का सम्मान भी है। गृहस्थ आश्रम लक्ष्मी और नारायण की वैकल्पिक आराधना स्वरूप है।

सनातन धर्म क्या है, के उत्तर में उन्होंने कहा कि ज्ञान और व्यवहार को साधने वाला कर्म सनातन धर्म है, यह आदिकाल से चला रहा है। ज्ञान, विज्ञान और गणित भी विश्व को सनातनियों की देन है। विज्ञान भी वेदपुराण की महत्ता को नहीं नकारता।

भारत को हिंदू राष्ट्र क्यों घोषित किया जाना चाहिए? इस प्रश्न के उत्तर में शंकराचार्य ने कहा कि विश्व में कोई भी राष्ट्र हिंदू राष्ट्र नहीं है और भारत में हिंदू सर्वाधिक हैं तो क्यों नहीं हिंदू राष्ट्र घोषित होना चाहिए। हिंदू सहिष्णु है तो हिंदू राष्ट्र बनने से सभी और सुरक्षित रहेंगे, प्रेम सौहार्द्र बढ़ेगा। इस राष्ट्र को बांटने का विचार समाप्त होगा।

सेकुलर शब्द पर पूछे गए प्रश्न पर पुरी पीठाधीश्वर ने कहा कि सेकुलर शब्द भी है और अर्थ भी। बिना धर्म के कोई रह सकता है क्या? धर्म ही जीवन का आधार है। सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने राजनीति सन्यास पर भी लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिए।

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