विश्व शांति के लिए आवश्यक है हिन्दुत्व : सुनील आंबेकर

विश्व शांति के लिए आवश्यक है हिन्दुत्व : सुनील आंबेकर

विश्व शांति के लिए आवश्यक है हिन्दुत्व : सुनील आंबेकरविश्व शांति के लिए आवश्यक है हिन्दुत्व : सुनील आंबेकर

नई दिल्ली, 27 दिसंबर। कवि, आलोचक एवं संपादक डॉ. इन्दु‍शेखर तत्पुरुष की पुस्तक ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’ का विमोचन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि विश्व शांति के लिए हिन्दुत्व आवश्यक है। आधुनिक समय में हिन्दुत्व के नियमों को भूलने का परिणाम हम जीवन के हर क्षेत्र में अनुभव करते हैं।

इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी एवं पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने की। संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय में वरिष्ठ आचार्या प्रो. कुमुद शर्मा ने किया।

सुनील आंबेकर ने कहा कि हिन्दुत्व का मूल तत्व एकत्व की अनुभूति है। वेदों में जिस एकत्व की बात कही गई है, उसे समाज जीवन में अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी एकत्व भाव के कारण हम एक रहे और आगे बढ़ते रहे। अब हमें अपने लिए नए मार्ग ढूंढने हैं और हिन्दुत्व के नियम इस दिशा में हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व के नियमों के अनुसार एक दूसरे की चिंता करना आवश्यक है। हमारे बीच प्रतिस्पर्धा हो, लेकिन एक दूसरे को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिस्पर्धा हो। देश के सामान्यजनों तक हिन्दुत्व की समझ को पहुंचाना राष्ट्रीय कार्य है और हम सभी को मिलकर यह कार्य करना होगा।

कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि पुस्तक ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’ भारतबोध का पर्याय है। इस पुस्तक के माध्यम से हिन्दुत्व को उजाला मिलेगा। यह पुस्तक हमारे सामने एक सार्थक विमर्श लेकर आई है, जिस पर चर्चा करना आवश्यक है।

पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि संसार की दार्शनिक व्याख्या हिन्दुत्व के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में पहले हिन्दुत्व, फिर भारत, भारतबोध और अंत में संस्कृति और स्वाधीनता की बात की गई है, जो स्वाधीनता के अमृतकाल में हम सभी का मार्गदर्शन करेगी। हितेश शंकर ने पुस्तक को साहित्य से अकादमिक जगत की ओर ले जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. इन्दु‍शेखर तत्पुरुष को पुस्तक के प्रकाशन के लिए बधाई दी।

पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. तत्पुरुष ने कहा कि पराधीन मानसिकता के कारण लोगों द्वारा हिन्दु‍त्व की मनमानी व्याख्या कर जो भ्रामक निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं, इस पुस्तक के माध्यम से उस भ्रम को दूर करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर दो मत हो सकते हैं कि हिन्दुत्व भारतीयता का पर्याय है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि हिन्दुत्व इसी देश और इसी मिट्टी की उपज है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकारों, लेखकों एवं साहित्यकारों ने भाग लिया।

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