हिन्दू परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने व कन्वर्जन रोकने के संकल्प के साथ विहिप की बैठक सम्पन्न

हिन्दू परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने व कन्वर्जन रोकने के संकल्प के साथ विहिप की बैठक सम्पन्न

हिन्दू परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने व कन्वर्जन रोकने के संकल्प के साथ विहिप की बैठक सम्पन्नहिन्दू परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने व कन्वर्जन रोकने के संकल्प के साथ विहिप की बैठक सम्पन्न

  • विहिप की त्रिदिवसीय बैठक सम्पन्न
  • सभी ने लिया हिन्दू परिवार व्यवस्था पर आघातों व रिलीजियस कन्वर्जन को रोकने का संकल्प
  • बजरंग दल द्वारा देशव्यापी शौर्य जागरण यात्रा व संतों के व्यापक प्रवास हुए तय

रायपुर, 25 जून। विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक रविवार को रायपुर में संपन्न हुई। बैठक के बारे में बताते हुए विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि इसमें हिन्दू परिवार व्यवस्था पर हो रहे चहुं तरफा प्रहारों तथा बढ़ती लव जिहाद व रिलीजियस कन्वर्जन की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए एक व्यापक कार्य योजना बनी है। इसके अंतर्गत बजरंग दल आगामी 30 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच देशव्यापी शौर्य जागरण यात्राएं निकालेगा। इन यात्राओं के माध्यम से देश के हर कोने में रहने वाले हिन्दुओं को संगठित कर, उन्हें इन समस्याओं से निपटने में सक्षम बनाया जाएगा। दीपावली के आस-पास पूज्य संतों के देशव्यापी प्रवासों के माध्यम से जन जन तक पहुंच बढ़ा कर व्यक्तियों को परिवारों से और परिवारों को सामाजिक व राष्ट्रीय जीवन मूल्यों से पुन: जोड़ा जाएगा।

हिन्दू परिवार व्यवस्था पर बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति मीडिया को जारी करते हुए विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि गत कुछ दशकों में हमारी सुदृढ़ परिवार व्यवस्था पर मनोरंजन जगत, वामपंथी शिक्षाविदों व न्यायालयों के कुछ निर्णयों तथा भौतिकतावादी व भोगवादी मानसिकता ने गहरे आघात किए हैं। इनके कारण ‘व्यक्ति को परिवार, कुटुंब, समाज व राष्ट्र से जोड़ते हुए विश्व के कल्याण की कामना तक’ ले जाने वाली यह अनुपम व्यवस्था विखंडन की ओर बढ़ रही है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि बच्चों में ‘संस्कारों का अभाव, युवा पीढ़ी की स्वच्छंदता और वृद्धों की दुरावस्था के मूल में परिवार व्यवस्था का क्षरण है।’ विहिप ने सरकारों से अनुरोध किया है कि ‘शिक्षा नीति बनाने से लेकर परिवार सम्बन्धी कानूनों का निर्माण करते समय’ इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना रचनात्मक योगदान दें। प्रस्ताव में न्यायपालिका से भी अपेक्षा की गयी है कि वह अपने निर्णयों में इसका ध्यान रखे। हिन्दू परिवारों से भी यह कहा गया है कि एकल परिवारों में रहने को बाध्य व्यक्तियों को भी नियमित अंतराल पर अपने मूल परिवार से संपर्क, पूर्वजों के स्थानों से जुड़ाव, पारिवारिक सहभोज, कुटुंब एकत्रीकरण, सामूहिक भजन, दान, सेवा कार्य, उत्सवों, तीर्थाटन, मातृभाषा का प्रयोग, स्वदेशी का आग्रह इत्यादि पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि त्याग, संयम, प्रेम, आत्मीयता, सहयोग व परस्पर पूरकता व संस्कारयुक्त  जीवन ही सुखी परिवार की आधारशिला है। सम्पूर्ण समाज व विशेषकर युवा पीढ़ी से आह्वान किया है कि इस अनमोल व्यवस्था को अधिकाधिक ‘सजीव, प्राणवान, संस्कारक्षम’ बनाये रखने हेतु आवश्यक कदम उठायें।

बजरंग दल की शौर्य जागरण यात्राएं देश भर में ब्लॉक स्तर पर निकालकर युवा पीढ़ी को विशेष रूप से जोड़ा जायेगा। विहिप अपने बाल संस्कार केंद्रों के विस्तार के साथ गीता/रामायण आदि की परीक्षाएं भी आयोजित करेगी। बैठक में विदेशों से पधारे प्रतिनिधियों समेत देशभर से 44 प्रांतों के 237 पदाधिकारी उपस्थित थे।

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