बलिदानी हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष में राज्यभर में होंगे कार्यक्रम

बलिदानी हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष में राज्यभर में होंगे कार्यक्रम

बलिदानी हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष में राज्यभर में  होंगे कार्यक्रम

अजमेर, 16 सितम्बर। भारतीय सिन्धु सभा की ओर से बलिदानी हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष में राज्यभर की सभी ईकाइयों की ओर से पूज्य सिन्धी पंचायत, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पूज्य सिन्धी पंचायतों के राज्यस्तरीय मुखी सम्मेलन का आयोजन भीलवाड़ा में होगा। प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने अजमेर में कार्यकर्ताओं की बैठक में यह जानकारी दी।

प्रदेश महामंत्री ईश्वर मोरवाणी ने बताया कि बलिदानी हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष का शुभारंभ सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर आगामी 23 मार्च 2022 से किया जाएगा और वर्षभर कार्यक्रम आयाजित किए जाएंगे। शताब्दी वर्ष के समापन (23 मार्च 2023) पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम जयपुर में होगा। समारोह को सफल बनाने के लिये प्रदेश स्तर पर जन्म शताब्दी समारोह समिति का भी गठन किया जाएगा।

राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, महंत हनुमानराम, महंत स्वरूपदास उदासीन के साथ संतों महात्माओं के आशीर्वाद से आगामी 18 व 19 दिसम्बर को हरीशेवा उदासीन आश्रम भीलवाड़ा में आयोजित होने वाले सम्मेलन में समाज के शिक्षण व संस्कार कार्यक्रमों के आयोजन के साथ देश में सिन्धी विश्वविद्यालय को स्थापित करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने भारत सरकार का आभार प्रकट किया कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया जायेगा और हम संकल्पित हैं कि सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा।

प्रदेश उपाध्यक्ष (युवा) दीपेश सामनाणी ने बताया कि राज्यस्तरीय सिन्धी भाषा की ज्ञान प्रतियोगिता के लिये पंजीयन ऑनलाइन चल रहा है, जिसमें 31 अक्टूबर तक पंजीकृत हो सकते हैं। ऑनलाइन प्रतियोगिता के विजेताओं को 51 हजार रुपये के पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। प्रतियोगिता में देशभर से समाजबन्धु सम्मिलित हो सकते हैं। प्रतियोगिता में ऑब्जेक्टिव प्रश्न देवनागिरी में होंगे और प्रश्न राजस्थान में आयोजित सिन्धी बाल संस्कार शिविर में प्रकाशित व वितरित पुस्तक से तैयार किए जाएंगे। सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन का स्मारक राष्ट्रभक्ति का प्रेरणा केन्द्र है और यह वर्ष स्मारक निर्माण का रजत जयंती वर्ष है जहां लगी सभी महापुरुषों की मूर्तियों पर वर्षभर कार्यक्रम अलग अलग संस्थाओं के साथ मिलकर आयोजित किए जाएंगे।

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