अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद जम्मू कश्मीर में क्या क्या बदलाव आए, एक रिपोर्ट (भाग-दो)
05 अगस्त, 2019 को राज्य से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पश्चात दो वर्षों में आतंकी, पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। साथ ही निवेशकों को भी आकर्षित किया है। स्थानीय प्रशासन भी अवसर का लाभ उठाकर ब्रांड जम्मू-कश्मीर को भुनाने का पूरा प्रयास कर रहा है। प्रशासन ने सिंगल विंडो सिस्टम वाली नई औद्योगिक और भूमि आवंटन नीति भी जारी की है। इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में उद्योग और वाणिज्य विभाग में प्रमुख सचिव रंजन प्रकाश ठाकुर के नेतृत्व में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में पिछले महीने जम्मू डिवीजन में 1548 करोड़ रुपये के 15 प्रोजेक्ट के लिए जमीन आवंटित कर दी है। इससे 5 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 20 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट मंजूरी की प्रक्रिया में है। इससे 84 हजार रोजगार पैदा होने की संभावना है।
राज्य में विकास कार्यों को तेज करने के लिए जम्मू-कश्मीर में नए और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में 3375 एकड़ से अधिक लैंड बैंक तैयार हो चुका है। नई इंडस्ट्रियल नीति 2021-30 के लिए है। इस नीति के तहत सभी तरह औद्योगिक इकाइयां 31 मार्च, 2026 तक इंसेंटिव के लिए योग्य होंगी। इकाइयों को जीवन देने के लिए 100% एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति का इंसेंटिव मिलेगा। जम्मू कश्मीर में प्रशासन को बड़ी संख्या में निवेशकों के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इसलिए निवेश लक्ष्य 30,000 करोड़ से बढ़ाकर 50,000 करोड़ कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मीडिया को बताया कि शुरुआत में हमारा आंकलन था कि राज्य को लगभग 25 हजार करोड़ का निवेश मिल सकता है, लेकिन देशभर के उद्योगपतियों से मिले रिस्पांस को देखते हुए हमने लक्ष्य 40 से 50 हजार करोड़ कर दिया है।
अगले कुछ वर्षों में 7-8 लाख रोजगार पैदा होंगे। अब तक 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। समिति ने ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी देना शुरू कर दिया है और कुछ को कारखाने लगाने के लिए जमीन भी दी जा चुकी है।
दो एम्स, 7 मेडिकल कॉलेज और आईटी पार्क पर काम शुरू
- अब तक 7,111.78 करोड़ रुपये के कुल 2,357 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इनमें 1,555.16 करोड़ रुपए के 1100 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।
- नवंबर 2015 में पीएम के विकास पैकेज के अंतर्गत स्वीकृत 56,261 करोड़ के 54 प्रोजेक्ट में से जून 2018 तक 7 प्रोजेक्ट पूरे हुए थे। अब 21 पूरे हो चुके हैं, 12 अन्य इस साल पूरे हो सकते हैं
- 2 नए एम्स, 7 नए मेडिकल कॉलेज, 5 नए नर्सिंग कॉलेज, दो कैंसर संस्थान, जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो, आईटी पार्क सहित 7,500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है।
- राज्य में 5 प्रोजेक्ट 20 वर्ष, 15 प्रोजेक्ट 15 वर्ष व 165 प्रोजेक्ट 10 वर्ष से लंबित हैं। 2021-22 में 8,000 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य था, 2,200 किमी बन चुकी है।