न्याय पदयात्रा को सरकार से त्रस्त स्थानीय जनों का मिल रहा पुरजोर समर्थन- अभाविप
जयपुर, 4 अगस्त। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा राजस्थान में हो रहे महिला उत्पीड़न, भ्रष्टाचार व पेपर लीक जैसी समस्याओं के विरोध में निकाली जा रही ‘न्याय पदयात्रा’ आज दूसरे दिन जारी रही। भीषण बारिश के बावजूद कार्यकर्ताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने ‘कुडगांव’ से चलकर सलेमपुर के रास्ते ‘गंगापुर सिटी’ तक की दूरी तय की। संध्या में गंगापुर सिटी स्थित सब्जी मंडी में ‘छात्र सभा’ का आयोजन किया गया और राजस्थान सरकार की कुनीतियों से सभी को अवगत कराया गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कल, 3 अगस्त को यह ‘न्याय पदयात्रा’ राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के नेतृत्व में करौली से प्रारंभ की थी। अन्याय के विरुद्ध आम जन की चेतना को जगा रही इस यात्रा का 10 अगस्त को राजस्थान विश्वविद्यालय में समापन होगा। प्रदेश सरकार में बैठे भ्रष्ट नेताओं के चलते आज प्रदेश दुष्कर्म, पेपर लीक, महिला संबंधित अपराधों में प्रथम स्थान पर है। सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के बावजूद भारी संख्या में युवाओं ने सह-यात्री के रूप में सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय के विरुद्ध ‘न्याय पदयात्रा’ में सम्मिलित प्रतीकात्मक रूप में आवाज उठाई है, जिसके परिणामस्वरूप मार्ग में आम-जन एवं विभिन्न समुदायों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री होश्यार मीणा ने कहा कि “राजस्थान में हर तरफ भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिससे आम नागरिक के लिए जीवकोपार्जन कठिन हो रहा है। राजस्थान सरकार मंत्रिमण्डल में ही इन भयावह स्थितियों के सूत्रधार उपस्थित हैं, ऐसे में प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था का सपना तो बस सपना ही रहने वाला है। प्रदेश में बेटी और रोटी दोनों ही सुरक्षित नहीं हैं। गरीब को रोटी मिले और हर बेटी को सुरक्षा, इसका दायित्व प्रदेश सरकार का है। जबकि सरकार इसमें उदासीन दिखाई पड़ती है। जिस प्रशासन में नीति बनाने वाले ही बलात्कारी हों, उनसे प्रदेश की बेटियों और सुशासन की आशा करना बेकार है।”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जयपुर प्रांत के प्रांत मंत्री शौर्य जैमन ने कहा कि “यह बेहद शर्मनाक विषय है कि जो प्रदेश कभी ‘बलिदानियों और शूरवीरों की भूमि’ रहा है, वहीं से आज सबसे अधिक बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। राजस्थान को आज ‘पेपर-लीक प्रदेश’ कहना भी गलत नहीं होगा, यहां वर्ष में औसतन तीन बार पेपर लीक की घटनाएं सामने आती हैं। कानून व्यवस्था को भ्रष्ट सरकार द्वारा पोषित व संरक्षित माफियाओं एवं अपराधियों ने अपाहिज बना दिया है। यदि आम जन की आवाज को इस प्रकार दबाया जाएगा तो वह सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।”
जागरूकता जरूरी है।