अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही और राष्ट्रीय महामंत्री शुक्ल ने संभाला दायित्व
अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही और राष्ट्रीय महामंत्री शुक्ल ने संभाला दायित्व
जयपुर, 25 नवंबर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही और राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने जयपुर में शुरू हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन अपना दायित्व ग्रहण किया। एबीवीपी अध्यक्ष एवं महामंत्री चुनाव के निर्वाचन अधिकारी डॉ. एस. सुब्बैया ने इससे पहले, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय महामंत्री के निर्वाचन संबंधी जानकारियां प्रतिनिधियों से साझा कीं।
एबीवीपी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही मूलतः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हैं। उन्होंने शिक्षाशास्त्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की। वर्तमान में डॉ. शाही बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में शिक्षाशास्त्र विभाग में सह-आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। वे प्रतिष्ठित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में एसोसिएट रहे हैं। वर्ष 2017 में श्रेष्ठतम शिक्षक सम्मान योगीराज बाबा गंभीरनाथ स्वर्ण पदक से डॉ. शाही को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया था।
नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल मूलत: झारखंड के गढ़वा जिले से हैं। याज्ञवल्क्य शुक्ल की शिक्षा रांची से भूगोल विषय में पीएचडी तक हुई है। वे जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय, गढ़वा के निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष तथा रांची विश्वविद्यालय के निर्वाचित छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे हैं। पूर्व में याज्ञवल्क्य शुक्ल ने रांची महानगर संगठन मंत्री, झारखंड प्रांत संगठन मंत्री तथा केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया है।
नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शाही ने दायित्व ग्रहण करने के बाद कहा कि एबीवीपी की ध्येय यात्रा निरंतरता के साथ आगे बढ़ रही है। यहां न दायित्व का दबाव है, न दायित्व का प्रभाव है। यह एक ध्येय यात्री का सहज स्वभाव है। एबीवीपी की यात्रा त्याग और विचार स्वातंत्र्य के साथ गतिशील है। हम समरसता तथा एकता के भाव को लेकर एबीवीपी के छात्र आंदोलन में आगे बढ़ेंगे।
नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि एबीवीपी सतत प्रवाहमान संगठन है। एबीवीपी में मुझ जैसा सामान्य कार्यकर्ता भी राष्ट्रीय महामंत्री बन सकता है। संघर्ष, सेवा एवं संकल्प की परंपरा को वे आगे ले जाने का प्रयास करेंगे। एबीवीपी के जिन कार्यकर्ताओं ने संगठन को आज की स्थिति तक पहुंचाने का कार्य किया, उनको नमन।