अमृत तुल्य गिलोय: इसके सेवन के हैं अनेक फायदे

आयुर्वेद में गिलोय को अमृत तुल्य वनस्पति माना गया है। इसके डंठल का रस मनुष्य को अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसकी बेल जिस भी पेड़ पर चढ़ाओ यह उसी के गुण आत्मसात कर लेती है। नीम के पेड़ पर चढ़ाने से इसके औषधीय गुण और बढ़ जाते हैं। इसके सेवन के अनेक लाभ हैं:

1. गिलोय के रस को आंवले के रस के साथ लेने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
2. गिलोय के चूर्ण को आंवले के चूर्ण के साथ लेने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।
3. गिलोय का रस थोड़ी सी हल्दी के साथ नियमित लेने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है।
4. दो चम्मच गिलोय के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
5. इसे ज्वारनाशक भी कहा जाता है। इसको पीने से खांसी में भी आराम मिलता है।
6. इसके रस का 1 से 2 चम्मच नियमित सेवन पर्याप्त होता है, अधिक मात्रा में लेने पर मुंह में छाले हो सकते हैं।

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