अवनी लखेरा : पैरालिंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली चौथी भारतीय, पहली महिला
अवनी लखेरा ने टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics 2020) में 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम ऊंचा किया है। पैरालिंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली वे चौथी भारतीय और पहली महिला हैं। उनसे पहले मुरलीकांत पेटकर (1972) तैराकी में, देवेंद्र झाझरिया (2004 और 2016) जेवलिन थ्रो में तो थंगावेलु मरियप्पन (2016) ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। टोक्यो पैरालिंपिक में यह भारत का पहला स्वर्ण पदक है।
19 वर्षीय अवनी लखेरा ने फाइनल में 249.6 का स्कोर हासिल कर यह मेडल अपने नाम किया है। पैरालिंपिक खेलों में वे पहली बार खेल रही हैं। 2012 में एक दुर्घटना का शिकार हो गई अवनी लखेरा अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाती हैं। वे जयपुर की रहने वाली हैं। जयपुर में जगतपुरा स्थित शूटिंग रेंज में अभ्यास कर उन्होंने यह मुकाम प्राप्त किया है। वे राजस्थान विश्वविद्यालय में लॉ की पढ़ाई भी कर रही हैं। साल 2017 में उन्होंने अपने पहले इंटरनेशनल इवेंट में जगह बनाई थी। वह शूटिंग वर्ल्ड कप में भी भाग ले चुकी हैं।
भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में अब तक 6 पदक जीते हैं, जिनमें एक स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक शामिल हैं। रविवार को पहला मेडल भाविना पटेल ने दिलाया था। उन्होंने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद निषाद कुमार ने ऊंची कूद इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। पैरा एथलीट विनोद कुमार ने डिस्क्स थ्रो के F52 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता, लेकिन उनका मेडल वापस ले लिया गया।
सोमवार को भारत की शुरुआत अच्छी रही। भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल अवनी लखेरा ने 10 मीटर एयर राइफल में जीता। पुरुषों के F56 कैटेगरी में योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। वहीं जेवलिन में भारत को 2 मेडल आए। देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।