अहिल्याबाई होल्कर

अहिल्याबाई होल्कर

भानुजा श्रुति

अहिल्याबाई होल्कर अहिल्याबाई होल्कर 

जन्मी एक कृषक के घर
वो मनको जी अहमदनगर
करते शिवभक्ति वो दिन भर
संस्कार पड़े ये अहिल्या पर

शासक इन्दौर मल्हार राव होल्कर
ठिठक गए शंकर के दर
सुन सुन्दर मीठा बाला स्वर
प्रस्ताव रखा मनको जी घर

नन्हीं पुत्री भाग्य विशाल
रानी द्वार खड़े प्रतिपाल
पुत्रवधू बनकर वो आई
खुशियां लाई राजमहल

समय बीत गया, पति सिधारे
भक्ति और तपस्या प्यारे
लक्ष्य नहीं था राज भोगना
जीवन ही था धर्म रोपना

विकसित किया होल्कर राज्य
अहिल्या का सुंदर साम्राज्य।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *