कुशल श्रमिक मानते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन का निर्धारण करे सरकारः राजबिहारी

कुशल श्रमिक मानते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन का निर्धारण करे सरकारः राजबिहारी

कुशल श्रमिक मानते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन का निर्धारण करे सरकारः राजबिहारीकुशल श्रमिक मानते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन का निर्धारण करे सरकार

“राजस्थान सरकार आज आंगनबाड़ी कर्मचारियों को एक मजदूर से भी कम सैलरी का भुगतान कर रही है, जबकि अन्य कई प्रदेशों में इनकी सैलरी यहां से 3 से 4 गुनी अधिक है। वहीं जब सुप्रीम कोर्ट इन्हें श्रमिक मानकर इनके वेतन का निर्धारण करने को कई बार कह चुका है तो राजस्थान सरकार को ऐसी क्या परेशानी है कि वह अभी तक इन्हें मानदेय कर्मी ही मान रही है। सरकार को हम पुनः चेता देना चाहते हैं कि वह तत्काल आंगनबाड़ी बहनों का न्यूनतम वेतन रुपए 18000/- करते हुए उन्हें वित्तीय राहत प्रदान करे, अन्यथा यह तो अभी झांकी है।’’ ये बातें भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र (राजस्थान, गुजरात तथा दमन एवं दीव) ने कही।

आज भारतीय मजूदर संघ एवं अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ से संबद्ध राजस्थान आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ की 15 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा एवं ग्राम साथिन बहनों ने ‘‘हुंकार-रैली’’ निकालकर सरकार को अपनी मांगों को लेकर चेताया।

यह रैली शहीद स्मारक, गवर्नमेंट हॉस्टल से शुरू होकर, सीपीएमजी ऑफिस, चोमूं हाउस सर्किल होते हुए सिविल लाइन फाटक पहुंची। जहां पर महिला कर्मचारियों का सैलाब दिखाई दे रहा था, जो अपनी मांगों को लेकर सरकार को खुले शब्दों में चेतावनी दे रहा था कि यदि उनकी मांगों पर सरकार गंभीर नहीं हुई तो आने वाले चुनावों में इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

रैली को संबोधित करते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ की अध्यक्ष इंदुबाला चौहान ने कहा कि वर्तमान राजस्थान सरकार ने अभी तक हमारी मांगों को दरकिनार किया है। अब समय है कि हम संगठित होकर इस सरकार को नारी शक्ति का बोध कराएं। उन्होंने कहा कि अभी तो यह लड़ाई का प्रथम चरण है यदि सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में हर घर से महिलाओं को लेकर हम जयपुर कूच करेंगे और जयपुर में केवल नारी शक्ति ही दिखेगी।

वहीं महासंघ की महामंत्री राधा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आज आंगनबाड़ी की बहनें सुबह से लेकर रात तक सरकार को हर प्रकार का सहयोग करने में लगी हैं। हम बहनें ही हैं जो घर-घर सरकारी योजनाओं को पहुंचा रही हैं। लेकिन फिर भी सरकार सोयी हुई है। अभी तो हम सरकार को जगाने आएं हैं, यदि वह नींद से नहीं जागी तो हम बहनें सरकार की ‘‘ईंट से ईंट बजाने’’ का माद्दा भी रखती हैं।

कुशल श्रमिक मानते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन का निर्धारण करे सरकारः राजबिहारी। महिलाओं ने निकाली हुंकार रैली

महासंघ की कार्यकारी अध्यक्ष सरिता बंसल ने सभी कार्यकर्ताओं को जोशीले नारों के साथ शपथ दिलाई कि यदि सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो हम आने वाले समय में प्रत्येक घर की महिलाओं को अपने स्वाभिमान के लिए जागृत कर सरकार को जगाएंगे।

मांग-पत्र के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से आरती डोगरा, सचिव मुख्यमंत्री का फोन आया, जिसके बाद 11 सदस्यीय दल प्रभारी भोलानाथ आचार्य एवं राधा शर्मा की अगुवाई में ज्ञापन सौंपा गया।

राज्य सरकार ने डेलीगेशन को बुलाने के बाद घंटों बैठाए रखा। साथ ही डेलीगेशन के कुछ प्रतिनिधियों को बुलाया कुछ को नहीं बुलाया। कोई वार्ता भी नहीं हुई। इसलिए आम सभा ने सरकार के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए प्रत्येक स्थान पर सरकार एवं उसके मंत्रियों को काले झण्डे दिखाने सहित संपूर्ण विरोध का प्रस्ताव पारित किया।

मांग पत्रः
1. सभी आंगनबाड़ी कर्मियों (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन) को सरकारी कर्मचारी घोषित कर नियमित वेतनमान दिया जाए
2. जब तक इन कर्मियों को नियमित नहीं किया जाता, तब तक न्यूनतम वेतन रुपए 18000 प्रतिमाह किया जाए
3. सभी आंगनबाड़ी कर्मियों (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन) को न्यूनतम पेंशन रुपये 5000 प्रतिमाह प्रदान की जाए
4. आंगनबाड़ी कर्मियों से निर्धारित कार्यों के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य  (गैर आईसीडीएस) नहीं करवाया जाए
5. मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित किया जाए
6. एनटीटी अध्यापिका के पद पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पदोन्नति दी जाए
7. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त होने पर इस पद पर भर्ती, सहायिका की पदोन्नति द्वारा की जाए
8. जो आंगनबाड़ी कर्मी (आंगनबाड़ी, कार्यकर्ता सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन) सेवानिवृत्त (रिटायर) हुए हैं एवं जो रिटायर होने जा रहे हैं, उनको रुपए 5 लाख ग्रेच्युटी राशि का भुगतान करवाने का प्रावधान किया जाए
9. वर्तमान में पोषाहार की वितरण व्यवस्था सही प्रकार से नहीं चल पा रही है। इसे पूर्व की भांति स्वयं सहायता समूह की मातृशक्ति के माध्यम से करवाया जाए
10. कोरोनाकाल में आंगनबाड़ी कर्मियों (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन) ने अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी की है। अतः इन दो वर्षों की अवधि के रुपए 24000 प्रदान करे
11. आंगनबाड़ी कर्मियों के मानदेय का समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है, वह समय पर करवाने की व्यवस्था की जाए
12. पूर्व के 2019 से 2020 के स्वयं सहायता समूहों को पोषाहार राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है, भुगतान करवाने की व्यवस्था की जाए
13. विभाग के आदेश के बावजूद फ्लेक्सी फंड की राशि जमा नहीं कराई गई है, इसकी राशि जमा करवाई जाए
14. पोषण टेकर की राशि व सामुदायिक उत्सव की प्रोत्साहन राशि का भुगतान अविलंब हो
15. पल्स पोलियो में ड्यूटी करने पर ₹100 प्रति दिन के बजाय ₹300 दिए जाएं
16. नसबंदी ऑपरेशन पर ₹1000 प्रोत्साहन राशि का भुगतान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को करवाया जाए
17. वर्ष 2016 से आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्दी प्रदान नहीं की गई है। अतः प्रतिवर्ष दो साड़ी के ₹1000 का भुगतान किया जाए
18. बहुत से जिलों में 5 वर्ष से स्टेशनरी रजिस्टर नहीं दिए गए हैं। ये रजिस्टर प्रदान करवाने की व्यवस्था हो
19. सभी कर्मियों के कल्याण कोष की राशि का अविलम्ब भुगतान किया जाए
20. ग्राम साथिनों को जाजम बैठक का भुगतान किया जाए एवं किशोरी वाटिका मीटिंग की राशि का भुगतान किया जाए
21. ग्राम साथिन बहनों को ही प्रचेता के पद पर नियुक्ति दी जाए
22. ग्राम साथिन बहनों को पंचायत मुख्यालय पर बैठने की व्यवस्था दी जाए
23. ग्राम साथिन जहां भी जाती हैं, पंचायत मुख्यालय से दूसरे गांव में उनके आने जाने का किराया तथा जाजम बैठक का भुगतान भी समय-समय पर दिया जाए जो कि आज दिन तक नहीं मिला

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