आज का पंचांग एवं सुभाषित

सुभाषित
ऐक्यं बलं समाजस्य तदभावे स दुर्बल:।
तस्मात ऐक्यं प्रशंसन्ति दृढं राष्ट्र हितैषिण:।।
अर्थात्
एकता समाज का बल है, एकताहीन समाज दुर्बल है। इसलिए राष्ट्रहित सोचने वाले एकता को बढ़ावा देते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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