।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
आज का विचार
खल: सर्षपमात्राणि पराच्छिद्राणि पश्यति ।
आत्मनो बिल्वमात्राणि पश्यन्नपि न पश्यति ॥
अर्थात्
दुष्ट मनुष्य को दूसरे के भीतर राई जितने दोष भी दिखाई देते हैं, परन्तु अपने अंदर के बिल्वपत्र जैसे बड़े दोष भी दिखाई नहीं पड़ते।
पंचांग