उत्तर प्रदेश : आतंकियों को मिल रही सजा, माफियाओं पर हो रही कार्यवाही

उत्तर प्रदेश : आतंकियों को मिल रही सजा, माफियाओं पर हो रही कार्यवाही

मृत्युंजय दीक्षित

उत्तर प्रदेश : आतंकियों को मिल रही सजा, माफियाओं पर हो रही कार्यवाहीउत्तर प्रदेश : आतंकियों को मिल रही सजा, माफियाओं पर हो रही कार्यवाही

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी कानून व्यवस्था को लेकर बहुत सख्त तेवर अपना रही है, जिसके परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहे हैं। अपराधी या तो आत्मसमर्पण कर रहे हैं या फिर पकड़े जा रहे हैं, जबकि माफियाओं की संपत्ति जब्त हो रही है। तकनीक का प्रयोग करके पहचाने गए बलवाइयों के पोस्टर शहर के चौराहों पर चिपकाने की कार्यवाही के कारण अपराधियों, दंगाइयों, आतंकियों व धमकीबाजों में कुछ हद तक डर कायम हुआ है, लेकिन उनके संरक्षणदाता तथाकथित राजनैतिक दलों में छटपटाहाट व बेचैनी दिखाई पड़ रही है।बड़े अपराधी व माफिया आज प्रदेश में जिस तरह से घुटन का अनुभव कर रहे हैं और प्रदेश का वातावरण दूषित करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, उसे देखकर, प्रदेश की जनता एक बार फिर कह रही है कि यदि कहीं गलती से भी उनका चुनाव गलत हो जाता तो आज प्रदेश का हाल बंगाल, केरल जैसे राज्यों से भी बुरा होता।

वाराणसी में वर्ष 2006 में सिलसिलेवार बम धमाकों के केस में गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाते हुए चार लाख पांच हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। सात मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर, दशाश्वमेध घाट और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास बम धमाके हुए थे, जिनमें 18 लोगों की मौत हुई थी व 76 घायल हो गये थे। भगवान शिव की नगरी वाराणसी में हुई इस वारदात के आतंकी वलीउल्लाह के मामले में 16 साल तक सुनवाई चली और इस दौरान 14 न्यायाधीश बदले गये। इस मामले की सबसे अधिक सुनवाई 15वें जिला जज की अदालत में हुई। वर्ष 2022 में अवकाश के दिन को छोड़कर एक माह लगातार सुनवाई चली तब जाकर निर्णय आया है। वलीउल्लाह वह आतंकवादी है जिसको राहत देने के लिए समाजवादी सरकार ने काफी पैरवी की थी और गुपचुप तरीके से तत्कालीन विशेष सचिव राजेंद्र कुमार की ओर से जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया था। इसकी भनक लगने पर हर तरफ विरोध शुरू हो गया और मुलायम सरकार को पीछे हटना पड़ा था। 2012 में भी समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सरकार बनने पर वह देखेगी कि कहीं मुस्लिम युवकों को आतंकी गतिविधियों में फंसाया तो नहीं गया है? आतंकी वलीउल्लाह को सजा मिलने के बाद भाजपा ने सपा पर हमला बोलते हुए आतंकवादियों का तुष्टिकरण और उन्हें बचाने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तत्कालीन सपा सरकार वलीउल्लाह, शमीम सहित 15 विचाराधीन कैदियों को आरोपमुक्त करना चाहती थी। यह तो गनीमत है कि उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि आतंकी वारदातों के आरोपियों से यदि केस वापस लिये गये तो इससे गलत संदेश जाएगा और हिंसा को बढ़ावा मिलेगा। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस समय अखिलेश यादव की सरकार को फटकार भी लगाई थी।

हाल ही में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की कानपुर यात्रा के दौरान कानपुर को दंगों की आग में झोंकने का असफल प्रयास हुआ था। प्रदेश सरकार ने पूरी सख्ती बरती। शहर में उपद्रवियों के पोस्टर चिपका दिये गये। 50 से अधिक लोग हिरासत में लिये जा चुके हैं। सरकार की अपराधियों के पोस्टर चिपकाने की नीति काफी सफल रही है। इससे अपराधियों में कुछ सीमा तक भय व्याप्त हुआ है। परिणामस्वरूप कुछ अपराधी थाने में अपने आप सरेंडर करने पहुंच रहे हैं। अवैध संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। कानपुर हिंसा में पीएफआई का नाम आया है और सरकार उस पर भी कड़ी कार्यवाई करने की तैयारी कर रही है। पीएफआई्र व कानपुर के कुछ मौलानाओं ने सरकार को धमकियां भी जारी की हैं लेकिन सरकार बिना इनके दबाव में आए काम कर रही है। कानपुर के उपद्रवियों को कानून के दायरे में लाया जायेगा और सजा दिलायी जायेगी।

इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लखनऊ, अयोध्या, उन्नाव सहित कई जिलों के कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी थी, लेकिन उसके आरोपी तमिलनाडु निवासी राज मोहम्मद को उप्र पुलिस 24 घंटे में ही तमिलनाडु से पकड़ने में सफल हो गयी। इसी प्रकार जेल में बंद कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की खातिरदारी करने वाले डिप्टी जेलर समेत 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर सरकार ने अपने तेवर दिखा दिये हैं। सरकार की अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति में कोई परिवर्तन नहीं आया है।

योगी सरकार के पहले 100 दिन के लिए तय किये गये टारगेट में यूपी पुलिस आगे निकल गयी है। यूपी पुलिस ने मात्र तीन महीने- मार्च से मई 2022 में 788 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की है, गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) का पूरा पालन करते हुए 6 अरब, 61 करोड़ 78 लाख 5 हजार 123 रुपये की अपराध से वर्जित अवैध सम्पत्ति की भी प्रदेशभर में जब्तीकरण की कार्रवाई की है। इतना ही नहीं प्रदेश के पुलिस विभाग द्वारा मार्च 2022 में कुख्यात अपराधियों की नये स्तर से समीक्षा करते हुए 62 माफियाओं और उनके गैंग के विरुद्ध योजनाबद्ध तरीके से पुलिस मुख्यालय से मॉनीटरिंग करते हुए कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 1150 माफियाओं पर कार्रवाई हुई है। इनमें 30 खनन माफिया, 228 शराब माफिया, 168 पशु माफिया, 347 भू माफिया, 18 शिक्षा माफिया, 359 अन्य माफिया शामिल हैं। अतीक अहमद , मुख्तार अंसारी, गायत्री प्रसाद प्रजापति और आजम खान जैसे लोग जेल की सलाखों के पीछे हैं। कभी किसी ने सपने में नहीं सोचा था कि ऐसे लोगों को कोई सरकार उनके अपराधों की सजा दिलाने का साहस भी कर पाएगी। रामपुर के सपा नेता आजम खान को तो सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ा, तब कहीं जाकर माननीय कोर्ट ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए केवल अंतरिम जमानत ही दी है। वहीं जब मुख्तार अंसारी पंजाब भाग गया था, तब भी उप्र सरकार ने किस प्रकार से माननीय कोर्ट की सहायता से उसे वापस लाने में सफलता प्राप्त की थी, यह भी सबने देखा था।

2022 के विधानसभा चुनावों में कानून व्यवस्था व महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था और अब प्रदेश सरकार जनभावनाओं के अपने संकल्प को पूरा कर रही है। वर्तमान शासन में प्रदेश की जनता व महिलाएं अपने आप को पूर्णतः सुरक्षित महसूस कर रही हैं। प्रदेश के पुलिस अधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है और अपराधियो में भय व्याप्त है।

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