उदयपुर कन्हैयालाल हत्या प्रकरण : हत्यारे ने वीडियो बनाकर दी थी चुनौती
उदयपुर कन्हैयालाल हत्या प्रकरण : हत्यारे ने वीडियो बनाकर दी थी चुनौती
उदयपुर में कन्हैयालाल की नृशंस हत्या से पूरा प्रदेश सकते में है। हत्यारों द्वारा जारी वीडियोज से साफ जाहिर है कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है। बल्कि उन्हें तो लग रहा है जैसे उन्होंने कोई बड़ा ही बहादुरी का काम किया है। अब वे अपनी कौम में एक मिसाल की तरह याद किए जाएंगे। यह शायद उनकी दीनी शिक्षा ही है जो उन्हें ऐसा सोचने के लिए मजबूर करती है, उन्हें हर काफिर का वध करने की प्रेरणा देती है। लेकिन सरकारों का क्या? क्या उन्हें नहीं पता इनकी जड़ें कहॉं हैं? वे कब तक इन्हें वोटबैंक मानकर जहरीली जड़ों को सींचने का काम करती रहेंगी? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कन्हैयालाल को नहीं थी क्या? नूपुर शर्मा के सच का समर्थन ही तो किया था। इस्लामिक कट्टरपंथियों से धमकी मिलने के बाद शासन को सूचित भी किया था, सुरक्षा भी मांगी थी। उसकी गलती शायद यह थी कि वह संविधान से चलना चाहता था। उसने कानून हाथ में नहीं लिया। लेकिन प्रदेश सरकार ने क्या किया? मामला ठंडा होने तक प्रतीक्षा करने का आश्वासन देकर पल्ला झटक लिया। जबकि मुस्लिम हत्यारे ने 17 जून को अपना वीडियो तक सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें वह कह रहा है, “मैं मोहम्मद रियाज अंसारी राजस्थान के उदयपुर, खांजीपीर से। यह वीडियो मैं जुम्मे के दिन बना रहा हूँ। माशाल्लाह और 17 तारीख है। मैं इस वीडियो को उस दिन वायरल करूँगा, जिस दिन अल्लाह की शान में गुस्ताखी करने वाले का सिर कलम कर दूँगा। आपको एक मैसेज देता हूँ रियाज ने सिर कलम करने की शुरुआत तो कर दी है। बाकी के जो बचे हैं उन सभी का सिर आपको कलम करना है। इसबात का ध्यान रखना। यह चिंता मत करना मेरे भाई कि तुम्हारी फैमिली का क्या होगा, कारोबार का क्या होगा। मेरी भी फैमिली है। मैं भी नौकरी करता हूँ, लेकिन मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है। क्योंकि मैं अपने रसूले पाक के लिए जी रहा हूँ। मेरा सब कुछ आप पर कुर्बान रसूल अल्लाह।”
वह आगे कहता है, “घबराना नहीं जितने भी लोगों के सिर बचे हैं, उन सबको काट देना। मौत आएगी तो जन्नत मिलेगी, जेल में भी गए तो कोई दिक्कत नहीं है। मैं उन दादाओं के लिए भी कहता हूँ, जो उदयपुर की सीट लेकर बैठे हैं। उनके लिए एक तोहफा है, जो मेरे घर से लेकर चले जाना।” इसके बाद वह अपने पास रखी हरे रंग की चूड़ियां उठा कर कहता है , “ये हरे रंग की चूड़ियाँ हैं, जो उदयपुर के दादाओं के लिए रखी हैं। जो अपनों को ही मारने में लगे हुए हैं और उनकी संपत्ति पर कब्जा करने में लगे हुए हैं। तुम्हारा इतना जिगरा नहीं है कि तुम गैर मुस्लिम के खिलाफ आवाज उठा सको। अल्लाह हर किसी को सिर कलम करने की हिम्मत नहीं देता है। तुम्हारे लिए बस सिर्फ इतना है कि तुम चूड़ियाँ पहन लो। तुम इतने मर्डर कर देते हो, क्या एक मर्डर रसूल के नाम पर नहीं कर सकते हो। तुम सब पर लानत है, और उन पर भी जो मेरा वीडियो देख रहे हैं। अल्लाह का फरमान है गुस्ताख–ए–नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा। मोहम्मद रियाज अंसारी को दुआओं में याद रखना।”
अब मुख्यमंत्री क्या कहेंगे। जबकि शायद वे भी जानते होंगे कि उदयपुर का यह क्षेत्र कितना संवेदनशील है। यहॉं के अधिकतर गुंडे लतीफ द्वारा पनपाए हुए हैं, जिस पर रईस फिल्म भी बनी, शाहरुख खान ने उसका किरदार निभाया। उदयपुर के गैंग वॉर मल्लाह तलाई, सिलावटवाड़ी और उसी खांजीपीर क्षेत्र में हुए हैं, जहां कन्हैयालाल के हत्यारे रहते थे। सबसे दुख की बात उदयपुर के जिलाधिकारी कह रहे हैं अपराधी का कोई धर्म नहीं होता, जबकि अपराधी वीडियो पर वीडियो बनाकर, चीख चीख कर अपना धर्म बता रहे हैं। यह दुर्भाग्य ही है कि भारत का हर ईसाई ईसाइयत का पालन करता है, हर मुसलमान इस्लाम पर जान न्यौछावर करता है लेकिन यहॉं का हिन्दू सेकुलर है।