16 मई को भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान करेंगे सचिवालय का घेराव

16 मई को भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान करेंगे सचिवालय का घेराव

16 मई को भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान करेंगे सचिवालय का घेराव16 मई को भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान करेंगे सचिवालय का घेराव

जयपुर। भारतीय किसान संघ ने अपनी प्रदेश प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक में किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर 16 मई 2023 को प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। इस आंदोलन के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों से किसान जयपुर पहुंचेंगे और सचिवालय का घेराव कर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। 16 अप्रैल को जयपुर स्थित बलराम भवन में आयोजित प्रदेश प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी, तीनों प्रांत जोधपुर, जयपुर व चित्तौड़ के अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष व संगठन मंत्री उपस्थित थे।

16 मई को भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान करेंगे सचिवालय का घेराव

संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि आंदोलन को लेकर बैठक में प्रदेश आंदोलन टोली का गठन किया गया है। इसमें प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर को प्रदेश आंदोलन संयोजक, प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा को प्रदेश आंदोलन सह संयोजक, वीरेंद्र सिंह चौधरी को व्यवस्था प्रमुख, छोगालाल सैनी को सह व्यवस्था प्रमुख और राजीव दीक्षित को प्रचार प्रमुख का दायित्व सौंपा गया है। बैठक में किसान संघ के पदाधिकारियों समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

तहसील, जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन व ज्ञापन के बावजूद सरकार के उदासीन रवैए से बढ़ा किसानों में आक्रोश

प्रदेश आंदोलन संयोजक तुलछाराम सिंवर ने बताया कि किसान लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर अलग – अलग माध्यमों से लगातार ज्ञापन भेज रहे थे। 11 जनवरी को प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालयों तथा 17 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर किसानों ने भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में सांकेतिक प्रदर्शन कर सक्षम अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे थे। उक्त प्रदर्शन व ज्ञापनों के बावजूद सरकार ने किसानों की समस्याओं व मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में किसानों ने मजबूर होकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया।

क्या हैं किसानों की मांगें?

प्रदेश के किसानों ने पूर्व में सौंपे ज्ञापनों में जिन समस्याओं का जिक्र किया, उनमें प्रमुख रूप से सिंचाई परियोजना को पूरा कर हर खेत को सिंचाई का पानी देने, किसानों को लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने, सिंचाई हेतु पर्याप्त गुणवत्ता युक्त विद्युत आपूर्ति करने, फसल बीमा विसंगतियों को दूर कर गारंटी उपज को वास्तविक उपज अनुसार निर्धारित करने, पीएम आशा योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर बाजरा सहित सभी अधिसूचित फसलों व बाजार हस्तक्षेप नीति के अंतर्गत लहसुन खरीद करने, सभी किसानों को सम्पूर्ण कर्ज माफी देने, प्रदेश की ओर से जीएसटी काउंसिल में कृषि आदानों को टैक्स मुक्त करने का प्रस्ताव देने, मध्यप्रदेश व तेलंगाना प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अतिरिक्त राशि जोड़ कर देने की मांगें शामिल हैं।

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