कोटा : पकड़ा गया स्मैक सप्लायर सोहेल खान, कोचिंग एरिया में बेचता था नशा

कोटा : पकड़ा गया स्मैक सप्लायर सोहेल खान, कोचिंग एरिया में बेचता था नशा

कोटा : पकड़ा गया स्मैक सप्लायर सोहेल खान, कोचिंग एरिया में बेचता था नशाकोटा : पकड़ा गया स्मैक सप्लायर सोहेल खान, कोचिंग एरिया में बेचता था नशा

इंजीनियरिंग और मेडीकल की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता  का सपना पाले हजारों बच्चे प्रति वर्ष कोटा आते हैं। यहॉं के कोचिंग संस्थानों का ट्रैक रिकॉर्ड ही ऐसा है। लेकिन लगता है इस शहर को किसी की नजर लग गई। अब इसकी पहचान  कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड हब के रूप में होने लगी है। यहॉं के कोचिंग एरिया में अब नशा भी आसानी से उपलब्ध है। पढ़ाई और सिलेक्शन के दबाव तथा आसानी से उपलब्ध ड्रग्स के चलते छात्रों में नशे की लत बढ़ने लगी है। इसका पता उस समय चला जब जवाहर नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक स्मैक सप्लायर को गिरफ्तार किया। आरोपी सोहेल खान पुत्र गुड्डू खान के पास से पुलिस ने अवैध स्मैक (5.70ग्राम) बरामद की है। पूछताछ करने पर पता लगा कि वह कोचिंग एरिया में स्टूडेंट्स को नशा सप्लाई कर रहा था। अब पुलिस उससे जानकारी जुटाने में लगी है। एसपी शरद चौधरी ने बताया कि जवाहर नगर थाना क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थ व नशे की सप्लाई की शिकायत मिल रही थी।

शहर में नशे के विरुद्ध अभियान चल रहा है। ऐसे में सभी सीआई को निर्देश है कि अवैध रूप से स्मैक, चरस, गांजा व नशीले पदार्थों की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। जवाहर नगर थाना पुलिस को प्राप्त सूचना पर जवाहर नगर गंदा नाला के पास से एक युवक को पकड़ा गया। सूचना मिली थी कि युवक स्मैक की सप्लाई करता है, उसके पास स्मैक है जो वह छात्रों को देने वाला है। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और सोहेल खान को पकड़ लिया।

पुलिस के अनुसार सोहेल ने जिन जिन कोचिंग छात्रों को नशा बेचा, उनकी जानकारी एकत्रित की जा रही है।

एसआई लक्ष्मण लाल ने बताया कि आरोपी स्मैक की पुड़ियां बनाकर कोचिंग के एक छात्र को देकर जाता था। इसके बाद वह छात्र अन्य छात्रों को स्मैक बेचता था। सोहेल को न्यायालय में पेश किया गया है। जहां से उसे एक दिन के रिमांड पर भेजा गया है।

एक माह पूर्व टाइम्स नाउ को इंटरव्यू देते हुए जन प्रतिनिधि संदीप शर्मा ने कहा था कि ऐसी बहुत सी चाय की दुकानें व गुमटियां हैं, जहॉं खुलेआम ब्राउन शुगर, गांजा, चरस, स्मैक छात्रों को बेची जाती हैं। 18 से 20 वर्ष तक के बच्चे इसमें सम्मिलित होते हैं, उन्हें नशे का आदी बना दिया जाता है।

कोचिंग के एक विद्यार्थी ने बताया कि कोटा में प्रत्येक कोचिंग सेंटर के एक किलोमीटर के क्षेत्र के यदि सभी डस्टबिन चेक किए जाएं तो इस प्रकार के ड्रग्स के रैपर्स मिलेंगे जो बैन हैं और केवल फार्मा कंपनीज के पास ही मिलते हैं। लेकिन छात्रों को ये बेहद आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। छात्रों को इसके लिए अप्रोच किया जाता है। अधिकतर छात्र स्वयं को कूल दिखाने के लिए इनका उपयोग करते हैं और इन ड्रग डीलर्स का शिकार बन जाते हैं। यह अब कोटा में सामान्य हो गया है।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *