कोरोना की प्रभावी औषधि आयुष-64 के वितरण में सेवा भारती ने निभाई महती भूमिका

कोरोना की प्रभावी औषधि आयुष-64 के वितरण में सेवा भारती ने निभाई महती भूमिका
कोरोना की प्रभावी औषधि आयुष-64 के वितरण में सेवा भारती ने निभाई महती भूमिका
जयपुर, 19 मई। ऐसे कोरोना पीड़ित जो लक्षण विहीन हैं या जिन्हें प्रारंभिक अथवा मध्यम प्रकार का संक्रमण है, उनको तीन बार क्लीनिकल ट्रायल में सफल व परिणामकारी औषधि आयुष-64 से लाभ हो सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय व राष्ट्रीय सेवा भारती की योजना से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) के साथ मिलकर सेवा भारती जयपुर ने जयपुर शहर में पूरी पारदर्शिता व प्रतिबद्धता पूर्वक जरूरतमंद कोरोना मरीजों तक आयुष- 64 निशुल्क पहुंचाने की व्यवस्था की है। इस हेतु सेवा देने वाले 180 सहभागी स्वयंसेवकों को आभासी माध्यमों से प्रशिक्षण दिया गया। स्वयंसेवकों को दवाई, प्रचार सामग्री, स्वयं के बचाव व सावधानी के लिए मास्क व ग्लब्स उपलब्ध करवाए गए। औषधि वितरण केन्द्रों के स्थान, समय व प्रमुखों के संपर्क नंबर अपने अपने क्षेत्र में वाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से प्रचारित किए गए।
औषधि हेतु संक्रमितों या उनके परिजनों द्वारा सम्पर्क करने पर युवा व विद्यार्थी स्वयंसेवक उन्हें फोन करके इन केन्द्रों पर बुलाते हैं, रोगियों के डॉक्यूमेंट देख कर औषधि दी जाती है। जो संक्रमित या उनके परिजन वितरण केंद्र तक नहीं आ पाते हैं, उनको औषधि उनके घर तक भी पहुंचाई गई। वितरण के अलावा इस औषधि के प्रभाव का अध्ययन भी किया जा रहा है, इसलिए रोगी की विस्तार से जानकारी लेकर डेटा संग्रहित किया गया है। वितरण के दौरान आने वाली कठिनाइयों के समाधान तथा कार्य की प्रगति व समीक्षा के लिए स्वयंसेवक प्रतिदिन ऑनलाइन मिलते हैं और आयुर्वेद संस्थान के निदेशक व चार समन्वयक मॉनिटरिंग करते हैं। कार्य लगभग पूर्णता पर है। सेवा भारती की सुचारू औषधि वितरण व्यवस्था पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने संतोष व्यक्त किया है। जयपुर में आयुष- 64 दवा से आज शाम तक 1810 कोरोना संक्रमित लाभान्वित हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के विश्वव्यापी कहर के बीच आयुर्वेदिक दवा आयुष- 64 आशा की एक किरण के रूप में नजर आ रही है। यह दवा 1980 के दशक में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित की गई थी, जिसे पिछले एक साल से कोविड-19 के हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों के लिए सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने आयुष- 64 की प्रभावकारिता और इसके सुरक्षित मूल्यांकन के लिए बहुकेंद्रित नैदानिक परीक्षण पूर्ण कर लिया है। लगभग 40 हजार मरीजों पर किए गए ट्रायल में कोई साइड इफेक्ट का मामला नहीं आया है। साथ ही डायबिटीज कंट्रोल करने में भी यह कारगर साबित हुई। औसतन एक सप्ताह के सेवन में ही जांच रिपोर्ट पॉजिटिव से नेगेटिव हो रही है। पूरा कोर्स 20 दिन का है।इसके सेवन से मरीजों में चिंता, नींद, कमजोरी और थकान में आराम मिला है।
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