कोरोना कहर के चलते झुंझनू हाई एलर्ट पर

झुंझनू। 21 फरवरी को अचानक जयपुर से खबर आई कि इटली का एक टूरिस्ट कोरोना से संक्रमित पाया गया है। वह दिल्ली से चलकर सबसे पहले झुंझनू के मंडावा शहर में अपने दल के साथ आया था। खबर सुनते ही झुंझुनू जिला सिहर उठा। लोग मास्क लगाकर घूमने लगे। जयपुर से चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंचने लगीं और उनके नेतृत्व में मंडावा और उसके आसपास के क्षेत्रों में करीब 20 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई। राहत की बात यह रही कि उनमें से कोई पॉजिटिव नहीं पाया गया।

17 मार्च की शाम 7:00 बजे के आसपास अचानक सोशल मीडिया पर खबर आई थी कि झुंझुनू के 2 नंबर रोड पर इटली से एक दंपत्ति अपनी बच्ची सहित लौटा था और वह कोरोना से पॉजिटिव पाया गया है। एक बारगी लोगों को सोशल मीडिया पर विश्वास नहीं हुआ और लगा कि कोई ना कोई अफवाह फैला रहा है। लेकिन थोड़ी ही देर में प्रशासन की ओर से यह पुष्टि कर दी गई कि 3 लोगों को झुंझुनू के भगवानदास खेतान अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में कोरोना से पॉजिटिव होने के चलते लाया गया है। प्रशासन ने तुरंत ही पॉजिटिव पाए गए दंपत्ति के निवास स्थान के डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र को सीज कर दिया और जयपुर से वापस आई चिकित्सा विभाग की टीमों के नेतृत्व में स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई। इसके साथ ही झुंझनू जिला खुद होम क्वारेंटीन हो गया। प्रशासन ने कुछ क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया था लेकिन जनता ने स्व अनुशासन से पूरे जिले में एक तरह से अपने आप को घरों में कैद कर लिया। प्रशासन की ओर से भी बार-बार अपील की गई कि किसी भी तरह से अब कड़ी को तोड़ना है।

CORONA कहर के चलते झुंझनू से लगती हरियाणा सीमा सीज कर सार्वजानिक वाहनों पर रोक लगा दी गई।

जिला कलेक्टर यूडी खान सारे मामले की मॉनिटरिंग करते रहे और जनता से बार-बार घरों में रहने की अपील के साथ साथ परिस्थितियों को समझते हुए कर्फ्यू भी आगे बढ़ा दिया गया। जिला पुलिस अधीक्षक ने खुद अपने अधिकारियों के साथ सड़क पर उतर कर लोगों को घरों में रहने के लिए पाबंद किया। इसके अलावा पुलिस ने गलत अफवाह फैलाने वालों की धरपकड़ शुरू कर दी। प्रशासनिक अधिकारियों की सूझबूझ और जनता के खुद के अनुशासन के चलते पहले तीन केस पॉजिटिव के बाद कोई भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।

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