क्यों बढ़ाया गया कोविशील्ड की दो डोज के बीच का अंतर?
भारत में कोविशील्ड की दो डोज के बीच कितना अंतर होना चाहिए, इस पर दुष्प्रचार के चलते भ्रम की स्थिति बनी। कुछ लोगों को लगता है कि वैक्सीन की कमी की वजह से यह अंतर बढ़ाया गया, जबकि कुछ इसे वैज्ञानिक कारण मानते हैं। तथ्य यह है कि गाइडलाइन्स में बदलाव कई केस स्टडीज और क्लिनिकल डेटा के आधार पर किया गया है। क्लिनिकल रिसर्च बताती हैं कि यदि 8 सप्ताह से अधिक के अंतर से दो डोज दिए जाएं तो वैक्सीन 80%-90% तक प्रभावी हो जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह अंतर 6 सप्ताह से कम रखने पर वैक्सीन की प्रभावशीलता 50-60% और 12-16 सप्ताह करने पर 81.3% रही।
भारत से पहले ब्रिटेन और स्पेन में भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दो डोज के बीच 12 सप्ताह का अंतर रखा गया है। वहां भी क्लिनिकल स्टडीज में जब अंतर बढ़ाने का रेस्पॉन्स अच्छा दिखा तो यह निर्णय लिया गया। डॉक्टरों के अनुसार भी यदि दो डोज के बीच का अंतर बढ़ाया जाता है तो कोरोना वायरस के विरुद्ध IG (immunoglobulin) एंटीबॉडी रेस्पॉन्स दोगुना तक हो सकता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के चीफ डॉ. भार्गव का कहना है कि दो डोज के अंतर को सिर्फ कोविशील्ड के लिए बढ़ाया गया है, कोवैक्सिन के लिए नहीं। यह निर्णय वैक्सीन की पहली डोज की प्रभावशीलता के आधार पर तय किया गया है। कोविशील्ड की पहली डोज की प्रभावशीलता अधिक है। ट्रायल्स में पता चला है कि यह 12 सप्ताह तक असरदार रहता है। इसीलिए दूसरी डोज देरी से लगाने का निर्णय लिया गया है। कोवैक्सिन को लेकर ऐसी कोई स्टडी नहीं हुई है, इसलिए उसकी दो डोज के बीच का अंतर नहीं बदला गया है।
वैज्ञानिक रूप से देखें तो दो डोज वाली वैक्सीन में पहली डोज शरीर के एंटीबॉडी रेस्पांस को जगाती है। यानी उससे शरीर को ट्रेनिंग मिलती है कि वह वायरस या पैथोजन को पहचाने और इम्यून सिस्टम को सक्रिय करे। वहीं दूसरी डोज उस इम्यून रेस्पांस को मजबूती देकर एंटीबॉडी को कई गुना बढ़ा देती है। कुछ वैक्सीन इस तरह डिजाइन की हुई होती हैं, कि उनकी एक ही डोज पर्याप्त होती है। कोरोना के केस में जॉनसन एंड जॉनसन और स्पूतनिक लाइट वैक्सीन ऐसी ही हैं। इनका एक ही डोज शरीर में पर्याप्त प्रतिरक्षण क्षमता विकसित कर देता है।
किसी ने एक मार्च या उसके बाद कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज ली है, उन्हें दूसरी डोज कब लगेगी, सरकार द्वारा इसका एक शेड्यूल जारी किया जा चुका है।