संस्कार भारती ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में घटित अराष्ट्रीय घटनाओं की निंदा की
कला साहित्य के क्षेत्र में सर्वाधिक विस्तार वाली संस्था संस्कार भारती ने किसान आंदोलन के नाम पर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में घटित सभी अराष्ट्रीय घटनाओं की निंदा की है।
संस्कार भारती की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संस्कृत भारती विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के उत्सव 26 जनवरी के दिन ही लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं तथा मानबिंदुओं पर आघात को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मानती है। गणतंत्र दिवस पर समूचे विश्व को भारत की सामरिक शक्ति तथा सांस्कृतिक विरासत का परिचय होता है। इस दिन घटित अराष्ट्रीय घटनाओं ने भारत की छवि को विश्वपटल पर धूमिल किया है। किसी भी लोकतंत्र में सांस्कृतिक महत्व के स्थान, राष्ट्रीय प्रतीक, लोकतंत्र की रक्षा हेतु कानून व्यवस्था और सार्वजनिक सम्पत्ति का विशेष महत्व होता है। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा में इन चारों पर गहरा आघात हुआ है, जो सामान्य भारतीय व्यक्ति के लिए अत्यंत वेदनादायी है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला और अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों के प्रति सजग कोई भी भारतीय लोकतंत्र के इन सभी श्रद्धा स्थानों पर आघात नहीं पहुंचा सकता।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि संस्कार भारती का स्पष्ट मानना है कि यह हिंसा अराष्ट्रीय तत्वों द्वारा एक सुनियोजित अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत प्रायोजित है। संस्कार भारती सरकार से आह्वान करती है कि इस घटना के सभी दोषी तथा अराष्ट्रीय तत्वों को ढूंढकर उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई करें तथा संस्था जनता से अपील करती है कि ऐसे असामाजिक तत्वों और गतिविधियों का बहिष्कार करें, निषेध करें।