गो पालन को प्रोत्साहन दे रही सरकार, गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित हैं

गो पालन को प्रोत्साहन दे रही सरकार, गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित हैं

गो पालन को प्रोत्साहन दे रही सरकार, गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित हैं

एक रिपोर्ट के अनुसार एक गाय अपने जीवनकाल में 4,10,440 मनुष्यों हेतु एक समय का भोजन जुटाती है जबकि उसके मांस से मात्र 80 लोग ही अपना पेट भर सकते हैं। आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत कहा गया है। इसका दूध पतला करके नवजात बच्चे तक को दिया जा सकता है। गाय एक ऐसा प्राणी है जिसका दूध, घी, दही, छाछ, मक्खन और मूत्र से लेकर गोबर, खाल व हड्डियां तक उपयोगी हैं। एक समय में भारत के लगभग हर घर में गाय पाली जाती थी। लेकिन देश में वामपंथी व इस्लामिक विचारधारा के चलते जिस प्रकार हिन्दू देवी देवताओं व संस्कृति का अपमान फैशन बन गया, उसी प्रकार हिन्दू संस्कृति में पूजनीय गाय भी इस विचारधारा की आंखों की किरकिरी बन गई। भाईचारे के प्रतीक ईद जैसे पवित्र त्योहार से लेकर किसी भी अवसर पर गाय काटी जाने लगी। महंगी शराब की तरह ही गोमांस खाने को भी उच्च वर्ग का प्रतीक बनाने के प्रयास किए गए।

लेकिन अब एक बार फिर भारत में गो पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों, कृत्रिम गर्भाधान (AI) तकनीशियनों तथा सहकारी एवं दुग्ध उत्पादक कंपनियों को प्रोत्साहित करने और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है।पुरस्कार के लिए आवेदन प्रक्रिया 15 जुलाई 2021 से शुरू की जा चुकी है। आवेदन के इच्छुक गो पालक 16 सितंबर 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुपालक एवं डेयरी किसानों को यह पुरस्कार देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना चलाई जा रही है।

गो पालन को प्रोत्साहन दे रही सरकार, गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित हैं

पुरस्कार के लिए वे किसान, जो गाय की 50 देसी नस्लों और भैंस की 18 देसी नस्लों में से किसी एक का पालन करते हों तथा कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन जिन्होंने इस काम के लिए कम से कम 90 दिनों की ट्रेनिंग ली हो एवं दुग्ध उत्पादक कंपनी जो प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करती हो और जिसके साथ लगभग 50 किसान जुड़े हों, इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।

गोपाल रत्न पुरस्कार तीन श्रेणियों – सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी / दुग्ध उत्पादक कंपनी / एफपीओ को प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य भारत की गाय और भैंस की देसी नस्लों का संरक्षण करना है।

आवेदन केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं। अधिक जानकारी के लिए http://dahd.nic.in/ पर विजिट कर सकते हैं या मंत्रालय के टोल फ्री नंबर  011-23383479 पर फोन भी कर सकते हैं।

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