यहॉं प्रतिदिन होती है गो सवामणी..

यहॉं प्रतिदिन होती है गो सवामणी..

यहॉं प्रतिदिन होती है गो सवामणी..

अलवर के बुध विहार में नगर परिषद का कांजी हाउस ऐसी जगह है जहॉं प्रतिदिन गो सवामणी होती है। यह पहल की है यहॉं के कुछ युवा गो-सेवकों ने। शहर में बेसहारा गोवंश की संख्या लगातार बढ़ रही थी। सड़कों पर आवागमन में तो बाधा पहुंचती ही थी दुर्घटना का भी भय बना रहता। नगर परिषद इन्हें पकड़ती और जुर्माना लेकर छाेड़ देती थी। इससे निराश्रित गोवंश की संख्या कम नहीं हाे रही थी। नगर परिषद के पास चारे के लिए इतना बजट नहीं था कि वह इतने सारे नंदियों और गायों को कांजी हाउस में पाल सके। इस समस्या काे देखते हुए कुछ युवा आगे आए। उन्होंने तत्कालीन कृषि उपज मंडी सचिव विष्णुदत्त शर्मा के सुझाव पर गाेनंदी संरक्षण समिति का गठन किया और 21 जनवरी 2019 से गाे सवामणी करना शुरू किया। गाे सवामणी पर ये लाेग प्रतिदिन 6 क्विंटल चारा गायाें काे खिलाते थे। धीरे धीरे और लोग भी जुड़ने लगे। जिससे गायों को भरपेट चारा मिलने लगा और उनकी दशा सुधरने लगी। शुरुआत में सुबह के समय ही गाे सवामणी हाेती थी। अब सुबह और शाम दाेनाें समय गाे सवामणी हाेती है। इन लाेगाें का सेवाभाव काेराेना काल में भी जारी रहा। गाे सवामणी मात्र 2100 रुपए में काेई भी व्यक्ति कर सकता है। इस समिति के पास सालभर तक सवामणी का कार्यक्रम बुक है। फिर भी काेई नया सदस्य जुड़ता ताे उसे गाे सवामणी करने का पहले माैका दिया जाता है।
दूसरी और यहां फर्श सही करने व टीन शेड को बेहतर बनाने का काम भी चल रहा है। इस कार्य की जिम्मेदारी भी गोनंदी संरक्षण समिति ने ली है। ये कार्य भी श्रमदान द्वारा जन सहयोग से हो रहे हैं।

समिति के जितेंद्र सैनी ने बताया कि गाे सवामणी में चारा, सब्जी, गुड़ व सरसों खल आदि गोवंश काे खिलाई जाती है। जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ व अन्य अवसरों पर लोग परिवार सहित कांजी हाउस आते हैं और गाे सवामणी करते हैं। कांजी हाउस में 200 गोवंश हैं।

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