ग्राम विकास समाज की गतिविधि- डॉ. भागवत
ग्राम विकास समाज की गतिविधि- डॉ. भागवत
डूंगरपुर, 26 फरवरी। ग्राम विकास समाज की गतिविधि है यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रभात ग्राम विकास मिलन के समापन सत्र में कही। उन्होंने कहा सारे समाज को हर क्षण अपना मानना है, इसके द्वारा समाज के आचरण में परिवर्तन लाना है। नित्यसिद्व संगठित समाज तैयार करना है। समाज आधारित विकास अपने देश का स्वभाव रहा है। सब प्रकार का विकास करते हुए, पर्यावरण सुरक्षित रखते हुए भारत पूर्व में भी अग्रणी देश रहा है। हम अर्थव्यवस्था में प्रथम थे।
उन्होंने कहा, शासन से सहायता की आशा रखने के स्थान पर हमें समाज का जागरण कर आत्मनिर्भर बनना है। ग्राम विकास अपने बलबूते करना है। हमें अपने साथ मिलकर कार्य करने वालों का समूह खड़ा करना होगा। गांव को सामूहिक निर्णय के माध्यम से तैयार करना है। सबके मिलकर सोचने से गलती नहीं होती है। इसलिए सामूहिक मन से निर्णय हो। गतिविधि का परिणाम धीरे आता है। धैर्य पूर्वक कार्य करें। धैर्य के साथ दृष्टि, दक्षता का विकास करना होगा।
ग्राम विकास की अवधारणा भारतीय संकृति को पुष्ट करने के लिए श्रेष्ठ आयाम बनेगा साथ ही ये मिल का पत्थर साबित होगा
जय श्री राम
संघ से जुड़कर हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते है , आज संघ के कारण ही भारत मे हिन्दू समाज अपनी बात सही ढंग से रख पा रहा है , संजह के विभिन्न संघटनो ने वैदिके भारत निर्माण में अहम भूमिका निभाई है